India News ( इंडिया न्यूज़ ) Dussehra 2023: दशहरा हिंदू धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक माना जाता है। जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। यह न केवल बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाता है बल्कि यह अपने साथ एक अनूठी मान्यता भी लेकर आता है। महिषासुर पर दुर्गा की विजय के उपलक्ष्य में भारत के कुछ हिस्सों में दशहरा मनाया जाता है। बता दें कि ‘दशहरा’ दो शब्दों से मिलकर बना है – दस और अहारा। ‘दस’ का अर्थ है दस और ‘अहारा’ का अर्थ है दिन। इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था। तो चलिए जानते हैं दशहरा पर बनने वाले शुभ योग के बारे में।

दशहरे पर बन रहा दो दुर्लभ संयोग

पंडित के अनुसार, इस साल दशहरा पर दो शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन रवि योग और वृद्धि योग का निर्माण होने वाला है। बता दें, रवि योग सुबह 6 बजकर 27 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 38 मिनट तक रहने वाला है। दोपहर 3 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर पूरी तक वृद्धि योग रहेगा। दुर्लभ संयोग है। वहीं, इसके प्रभाव से साधक को हर कार्य में सफलता और आर्थिक लाभ मिलता है।

जानिए पूजाविधि

दशहरे के दिन आप सबसे पहले सुबह में स्नान करें और गेहूं या चूने से दशहरे की प्रतिमा बनाएं। उसके बाद गाय के गोबर से 9 गोले और 2 कटोरियां बनाकर, एक कटोरी में सिक्के और दूसरी कटोरी में रोली, चावल, जौ और फल रख दें। पश्चात प्रतिमा को केले, जौ, गुड़ और मूली अर्पित करें। अगर आप शस्त्रों की पूजा कर रहें हैं, तो उन पर सामग्री जरूर चढ़ाएं। इसके बाद अपने सामर्थ्य के अनुसार दान जरूर दें और गरीबों को भोजन कराएं। इसे आप किसी भी मनोकामना पूरी होगी।

जानिए शुभ मुहूर्त

* दशमी तिथि आरंभ – 23 अक्टूबर 2023 को शाम 5 बजकर 44 मिनट से
* दशमी तिथि समापन – 24 अक्टूबर 2023 को दोपहर 3 बजकर 14 मिनट तक
* शस्त्र पूजन समय का मुहूर्त – 24 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से दोपहर 02 बजकर 43 मिनट तक
* रावण दहन मुहूर्त – 24 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 43 के बाद

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