India News ( इंडिया न्यूज़ ), Dussehra in Sri Lanka: 24 अक्टूबर दिन मंगलवार को इस बार दशहरे का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन ही भगवान राम ने रावण को मारा था। दरअसल, यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक को लेकर भी मनाया जाता है। पूरे भारत में दशहरे के दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले को भी जलाया जाता है।
बता दें कि प्राचीन कथाओं के अनुसार, भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में रावण से जुड़ी कई ऐसी ऐतिहासिक और प्राचीन जगहें मिली है। जो आपको रामायण काल में ले जाएंगी। लेकिन बता दें कि श्रीलंका में भी दशहरे का त्योहार मनाया जाता है। यह सुनकर आप थोड़ा हैरान हो जाएंगे। इसी हैरानी को दूर करने के लिए आज हम आपको लंका की उन जगहों के बारे में बताएंगे, जहां पर दशहरे का त्योहार मनाया जाता है।
सीता अम्मन मंदिर-
माना जाता है कि सीता अम्मन मंदिर का नाता माता सीता से है। प्राचीन कथाओं के अनुसार, रावण ने सीता मां को यहीं पर रखा था। यह मंदिर श्रीलंका के नुवारा एलिया से महज 5 किलोमीटर दूर है। माना जाता है कि, यह मंदिर 5 हजार साल पुराना है।
कटारागामा मंदिर-
कटारागामा मंदिर भगवान कार्तिकेय सुब्रहमण्यम को समर्पित मानी जाती है। मान्यता है कि कार्तिकेय, इंद्र के कहने पर ही युद्ध में भगवान राम की मदद के लिए आये थे। भगवान कार्तिकेय ने रावण के ब्रह्मास्त्र से राम जी की रक्षा की थी।
श्री अजनेया मंदिर-
इस मंदिर में आप कोलंबो से 45 मिनट में ड्राइव करके भी पहुंच सकते हैं। यह मंदिर राम भक्त हनुमान को समर्पित है। यहां रहने वाले हिंदुओं के बीच अजनेया मंदिर बेहद पॉपुलर है। यहां की सबसे खास बात ये है कि इस मंदिर में आपको पंचमुखी हनुमान की मूर्ति देखने को मिलेगी।
दिवूरोमपोला मंदिर-
वहीं इस मंदिर का नाम लेना काफी मुश्किल हो सकता है, लेकिन यहां भी दशहरा काफी धूमधाम से मनाया जाता है। यह मंदिर सीता एलिया से 15 किमी दूरी पर है। माना जाता है कि यही वह मंदिर है जहां पर माता सीता की अग्निपरीक्षा हुई थी। श्रीलंका में आने के बाद इन सभी जगहों पर आप जरुर घूमें।
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