इंडिया न्यूज, अंबाला:
हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है। यह माह में दो बार आती है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। इस प्रकार साल में 24 एकादशी हैं। इस समय आश्विन मास है। आश्विन मास की दोनों एकादशी अक्टूबर के महीने में पड़ रही हैं। एकादशी के दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत रखने से मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है।

यह है एकादशी व्रत महत्व:

इस पावन दिन व्रत रखने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस व्रत को करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। यह व्रत संतान के लिए भी रखा जाता है। इस व्रत को करने से निसंतान दंपतियों को संतान की प्राप्ति भी होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी का व्रत रखने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।

यह है एकादशी पूजा की विधि:

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। भगवान की आरती करें। भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

व्रत पूजा की विधि और सामग्री:

श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति
पुष्प
नारियल
सुपारी
फल
लौंग
धूप
दीप
घी
पंचामृत
अक्षत
तुलसी दल
चंदन
मिष्ठान

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