India News (इंडिया न्यूज), Diwali 2024 Calender: देश में मनाए जाने वाले सबसे बड़े त्योहारों में से एक दिवाली आने वाली है। यह त्योहार एक दिन नहीं बल्कि 5 दिनों तक मनाया जाता है। लोग इसके आने को लेकर इतने उत्साहित होते हैं कि वो एक महीने पहले से ही अपने घरों को सजाने में लग जाते हैं। इससे भी ज्यादा उत्साहित इस त्योहार की पारंपरिक रस्मों को निभाने का उत्साह होता है। तो यहां जान लें ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बताए दिवाली के 5 दिनों तक चलने वाले त्योहार की महत्वपूर्ण तिथियों और शुभ मुहूर्त के बारे में पूरी जानकारी।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पुष्य नक्षत्र 24 अक्टूबर को सुबह 11:24 बजे से शुरू होगा और पूरे दिन रहेगा। यह दिन बहुत शुभ है क्योंकि इस दिन महालक्ष्मी, सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, पारिजात, बुधादित्य और पर्वत योग भी बन रहें हैं, जो बहुत ही अद्भुत संयोग है और ऐसा कई सालों बाद हो रहा है। इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन आप सोना, चांदी, बर्तन, कपड़े, फर्नीचर, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक सामान, वाहन और प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं। इसलिए अगर आप किसी शुभ दिन और मुहूर्त की तलाश में हैं, तो आज से ज्यादा शुभ दिन कोई हो ही नहीं सकता।
पुष्य नक्षत्र क्या है?
ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्र बताए गए हैं, जिनमें से पुष्य नक्षत्र को सबसे शुभ माना जाता है। अगर आप किसी महत्वपूर्ण काम को शुभ मुहूर्त के इंतजार में लंबे समय से टाल रहे हैं, तो आपको इस दिन से इसकी शुरुआत कर देनी चाहिए। अगर आप कोई नया काम शुरू नहीं कर रहे हैं, तो कम से कम एक कलम और बही खरीदकर उस पर ‘श्री गणेश’ लिख दें। इस दिन खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त-
- सुबह- 10:30 से 12:00 बजे तक
- दोपहर- 12:00 से 2:45 बजे तक
- शाम- 4:10 से 8:45 बजे तक
धनतेरस की तिथि और समय
धनतेरस का त्यौहार इस साल 29 अक्टूबर, मंगलवार को मनाया जाएगा। त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10:45 बजे शुरू होगी और 30 अक्टूबर को दोपहर 12:49 बजे समाप्त होगी। अगर आप 29 अक्टूबर के लिए शुभ मुहूर्त-
- सुबह- 10:30 से 1:30 बजे तक
- दोपहर-2:30 से 4:00 बजे तक
- शाम 7:13 से 8:48 बजे तक
श्री धन्यन्तरि पूजन, बहीखाता एवं अन्य शुभ कार्य के लिए शुभ मुहूर्त-
- सुबह- 10:33 से 1:23 बजे तक
- दोपहर- 2:48 से 4:13 बजे तक
धनतेरस के दिन आप श्री लक्ष्मी माता और कुबेर देवता का पूजन भी कर सकती हैं, जिसके लिए सबसे शुभ मुहूर्त शाम 7:13 से रात 8:48 तक रहेगा।
काली चौदश या नरक चौदश का तिथि और समय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 30 अक्टूबर को दोपहर 12:49 से चतुर्दशी शुरु होगी और 31 अक्टूबर को दोपहर 2:57 पर समाप्त हो जाएगी। इस दिन अगर आप काली माता का पूजन करते हैं, तो इसके लिए शुभ मुहूर्त रात 10:23 से 11:58 तक रहेगा। इस मुहूर्त में आपको हनुमान जी की भी पूजा करनी चाहिए। आप इस दिन बजरंग बांण या सुंदरकांड का पाठ कर सकते हैं।
दिवाली की तिथि और समय
इस साल 31 अक्टूबर को दिवाली का त्योहार मनया जा रहा है। वैसे तो अमावस्या 31 अक्टूबर को दोपहर 2:57 पर शुरू होगी और 1 नवंबर शाम 4:58 पर खत्म होगी। मगर लक्ष्मी पूजन के लिए 31 अक्टूबर का दिन ही सही रहेगा। लग्नानुसार श्री महालक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त-
- वृच्क्ष्कि लग्न – दोपहर 1:43 से 3:15 बजे तक
- गोधूलि बेला-शाम 5:41 से 8:10 बजे तक
- वृषभ लग्न – शाम 6:30 से 8:28 बजे तक
- विशेष महानिशा काल-रात 11:41 से 12:30 बजे तक
- सिंह लग्न- रात 12:57 से 3:10 बजे तक
गोवर्धन पूजा की तिथि और समय
दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा का बहुत महत्व माना गया है। इस दिन लोग बहुत धूमधाम से मनाते हैं। वैसे तो यह दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाता है, लेकिन इस बार परेवा 1 नवंबर को शाम 4:59 बजे पड़ रही है। जबकि इसकी उदया तिथि 2 नवंबर को है। गोवर्धन पूजा हमेशा उदया तिथि में की जाती है, इसलिए आप 2 नवंबर को शाम 6:44 बजे तक यह त्योहार मना सकते हैं। पूजा का शुभ मुहूर्त 2 नवंबर को सुबह 7:44 बजे से 9:23 बजे तक रहेगा।
भाई दूज की तिथि और समय
भाई दूज भी 2 नवंबर को ही शाम 6:45 से शुरू हो जाएगा। लेकिन भाई को तिलक करने के लिए 3 नवंबर का दिन सही रहेगा। आप अपने भाई के माथे पर इन शुभ मुहूर्त पर तिलक लगा सकती हैं-
- सुबह-10:33 से 11:58 बजे तक
- दोपहर-1:23 से 2:46 बजे तक
- यम पूजन का सबसे शुभ समय दोपहर 1:23 बजे से शाम 4:11 बजे तक रहेगा।
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