India News(इंडिया न्यूज), Gaur Gopal Das: हमारी ज़िन्दगी एक ऐसा चक्र हैं जो हर कदम पर एक नया मोड़ ले बैठती हैं। जिसमे कभी हमारा सामना सुखों से होता हैं तो कभी दुखों से भी। वो कहते हैं ना जिंदगी की यही रीत हैं किसी कदम पर सुख तो कभी दुःख। और दुःख के भवर से तो खुद भगवान तक नहीं बच पाएं तो फिर हम तो इंसान हैं हम कैसे ही इनसे अपना पीछा छुड़ा लेंगे भला लेकिन कई बार कुछ बुरी यादें ऐसी होती हैं जिनसे इंसान का पीछा छुड़ाना या उन कड़वी यादों से निकल पाना ही मुश्किल से भी मुश्किल हो जाता हैं।
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जिसके चलते वह चाहे भी तो एक ऐसे भवर में फंस बैठता हैं जिसमे से उसका निकल पाना दिन पर दिन मुश्किल होता जाता हैं। इससे न सिर्फ इंसान का मन बल्कि उसका शरीर उसकी दिन चर्या सब कुछ खराब होती चली जाती हैं लेकिन अब बात तो यही आकर अटकती हैं की करें तो करें भी क्या? इंसान का दिमाग कोई मशीन भी तो नहीं की डिलीट का बटन दबाया और सब कुछ पल भर में डिलीट हो गया। तो आज इससे छुटकारा पाने में खुद मोटिवेशनल स्पीकर श्री गौर गोपाल दास आपकी मदद करेंगे।
कैसे छुड़ाएं कड़वी यादों से पीछा
ये सच हैं कि बुरी और कड़वी यादों से पीछा छुड़ा पाना बेहद ही कठिन होता हैं। ना सिर्फ इंसान के लिए बल्कि खुद भगवान् के लिए भी बुरी यादों को मिटा पाना आसान नहीं था तो हम तो फिर इंसान हैं, ये सारा खेल हमारे दिमाग पर ही निर्भर करता हैं वो चाहे तो भुला दें और वो चाहे तो हमें इसी यादों में दफन तक कर बैठें।
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अगर आप भी बुरी यादों को नहीं भुला पा रहे हैं तो आज मोटिवेशनल स्पीकर ‘गौर गोपाल दास’ के ये शब्द उनकी ये सीख आपकी सहायता जरूर करेगी। बस इन बातों को लीजिये अपना और जीवन को दीजिये एक नई राह। मोटिवेशनल स्पीकर ‘गौर गोपाल दास’ कहते हैं- ”हर इंसान के अतीत में अच्छी और बुरी यादों को भूलकर आगे बढ़ पाना वाकई बेहद कठिन कार्य हैं जिसमे कई लोग तो इसे भूलकर आगे बढ़ जाते हैं, लेकिन वही कुछ लोग इसे बार-बार अपने अतीत को याद कर वही पीछे रह जाते हैं और ऐसे ही अगर आप भी बुरी यादों से पीछा नहीं छुड़ा पा रहे हैं तो अपनी अच्छी बातों और यादों को याद करेंथी वैसे ही जैसे एक यक्ति टॉफी को स्वाद के साथ खाता हैं लेकिन वही कड़वी दवाई को झट्ट से पानी संग निगल जाता हैं।”
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