India News (इंडिया न्यूज), Premanand Maharaj: हम सबका सपना होता हैं कि हमारे पास एक गाड़ी तो हो ही हो बेशक छोटी हो या बड़ी वो भगवान की देन हैं लेकिन एक गाड़ी तो हो। और जब वो गाड़ी आ जाती हैं तो हम उसे कितना संजो कर भी रखते हैं। साथ ही नई गाड़ी के साथ हम जो एक काम और करते हैं वो हैं उसकी पूजा जिसे हम कितनी शिद्दत और प्यार के साथ करते हैं। लेकिन आज हम आपको बताएँगे उसे सही ढंग से करने का तरीका जिसके लिए आज हम वृन्दावन के महाराज, ‘प्रेमानंद महाराज’ के कुछ ज़रूरी सीख भी आपके लिए लेकर आये है…..

क्या गाडी पर स्वस्तिक बनाना होता हैं सही?

हमारे हिन्दू शास्त्र में मान्यता हैं कि नए वाहन के आते के साथ ही उसे सबसे पहले भगवान के दर्शन करवाना चाहिए साथ ही इसके हमें उसकी पूजा भी करनी चाहिए जो अक्सर घर की कोई स्त्री या घर की किसी कन्या के हाथो ही होनी चाहिए लेकिन वो होनी किस तरह चाहिए इसका सही तरीका और कहा होनी चाहिए ये लोग आज भी अच्छे से नहीं जानते हैं।

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गाड़ी के ऊपर नहीं बनाना चाहिए स्वस्तिक

जी हाँ…! आपने सही सुना लोग नई गाड़ी पर बेटी के हाथो स्वस्तिक बनवाते हैं लेकिन कहा बनवाना सही हैं ये नहीं समझते इसपर महाराज कहते हैं कि गाड़ी के ऊपर स्वस्तिक बनवाना सही नहीं होता। क्योकि जब आप उस गाड़ी को धोयेंगे तो उसपर लिखे प्रभु का नाम सीधा आपके पैरों में आकर बहेगा जो सीधा-सीधा उनका अपमान ही हुआ।

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टू विह्लर के पीछे भी नाम लिखवाना हैं गलत

अब बात आती हैं टू विहलर्स की इसपर भी महाराज ने एक बेहद काम की बात बताई उन्होंने बताया कि अक्सर लोग प्रभु का नाम अपनी बाइक या स्कूटी के पीछे लिखवाते हैं लेकिन ये भी गलत हैं जब आप उस स्कूटी के ऊपर बैठते हैं तो आपका पैर प्रभु के नाम के ऊपर से होता हुआ जाता हैं जो बिलकुल गलत हैं।

Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।