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Govardhan Puja: हर्षोल्लास के साथ कल मनाया जाएगा गोवर्धन पूजा पर्व, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और नियम

Nishika Shrivastava • LAST UPDATED : October 25, 2022, 9:00 pm IST

Govardhan Puja 2022: दीपावली पर्व की समाप्ति के बाद अब देश भर में गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) पर्व की तैयारियां जोरों पर हैं। बता दें कि इस साल गोवर्धन पूजा पर्व 26 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा। वहीं आमतौर पर दिवाली पर्व के अगले दिन मनाया जाने वाला इस पर्व को इस साल एक दिन छोड़ कर मनाया जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि 25 अक्टूबर 2022 को सूर्य ग्रहण लगने की वजह से तिथियों में कईं फेरबदल किए गए हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि सूर्य ग्रहण के दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए। इसलिए इस साल गोवर्धन पूजा 25 की बजाय 26 अक्टूबर के दिन मनाया जाएगा।

गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा के नियम

किवदंतियों के अनुसार गोवर्धन पूजा के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र देव के अहंकार को परास्त किया था। साथ ही ब्रज वासियों को भगवान श्री कृष्ण ने देवराज इंद्र के प्रकोप से बचाया था। इसी उपलक्ष में आज भी गोवर्धन पूजा का आयोजन किया जाता है। यहां आपको बताते हैं इस साल के गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा के नियम।

गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त (Govardhan Puja 2022 Shubh Muhurat)
  • गोवर्धन पूजा तिथि- 26 अक्टूबर 2022, बुधवार
  • गोवर्धन पूजा प्रातः काल मुहूर्त – 26 अक्टूबर सुबह 06:29 से सुबह 08:43 तक
  • पूजा अवधि- 02 घण्टे 14 मिनट
  • प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ- 25 अक्टूबर शाम 04:18 बजे से
  • प्रतिपदा तिथि समाप्त- 26 अक्टूबर 2022 को दोपहर 02:42 बजे तक
गोवर्धन पूजा नियम और पूजा विधि (Govardhan Puja 2022 Vidhi)

आपको बता दें कि गोवर्धन पूजा के दिन गोबर का इस्तेमाल कर गोवर्धन देवता को बनाया जाता है और साथ ही उन्हें फूलों से सजाया जाता है। पूजा के दौरान गोवर्धन देवता को नैवेद्य, दीप, फूल, फल और दीप अर्पित किए जाते हैं। बता दें कि गोवर्धन देवता को शयन मुद्रा में बनाया जाता है और उनकी नाभि की जगह मिट्टी का दिया रखा जाता है।

इस दीपक में दूध, दही, गंगाजल, शहद और बताशे अर्पित किया जाते हैं और प्रसाद के रूप में इन्हें बांटा जाता है। पूजा के बाद इनकी सात बार परिक्रमा की जाती है। परिक्रमा के वक्त लोटे से जल गिराते हुए और जौ बोते हुए परिक्रमा करने का विधान है। इन्हीं के साथ इस दिन भगवान विश्वकर्मा की भी पूजा की जाती है।

गोवर्धन पूजा पर होता है अन्नकूट का आयोजन (Annakoot on Govardhan Puja)

शास्त्रों में ये भी बताया गया है कि गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट का आयोजन अनिवार्य है। अन्नकूट का अर्थ होता है अन्न का मिश्रण। इस मिश्रण को भगवान श्री कृष्ण को भोग के रूप में अर्पित किया जाता है। पूजा के बाद इन सभी चीजों को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।

 

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