Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
India News (इंडिया न्यूज), Hanuman Ji Helped Arjuna In Mahabharat Yuddha: महाभारत के युद्ध में अर्जुन को केवल भगवान श्रीकृष्ण का ही साथ नहीं मिला था, बल्कि अन्य देवताओं ने भी गुप्त रूप से उनकी मदद की थी। यह रहस्य आज भी महाभारत के अद्भुत पहलुओं में से एक है। यहां तीन ऐसे प्रमुख देवताओं और उनके योगदान का वर्णन किया गया है:
अर्जुन के रथ पर ध्वज (झंडा) में भगवान हनुमान विराजमान थे।
हनुमान जी की उपस्थिति: भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कहा था कि हनुमान जी उनकी शक्ति और रक्षा के लिए रथ के ध्वज पर स्थित होंगे।
युद्ध के दौरान जब भी अर्जुन पर भारी संकट आया, हनुमान जी ने अपने अदृश्य रूप में उनकी रक्षा की।
उनकी गर्जना ने कौरवों की सेना में भय उत्पन्न किया और अर्जुन के मनोबल को बढ़ाया।
उनके कारण अर्जुन का रथ हमेशा अडिग और मजबूत रहा।
Shani Basati: अगले 12 साल इस 1 राशि पर पड़ेंगे भारी, जानें क्यों शनि महाराज दिखाएंगे लाल आंखें?
भगवान अग्नि का योगदान अर्जुन की शक्ति को बढ़ाने में अहम था।
जब अर्जुन और श्रीकृष्ण ने खांडव वन दहन किया था, तो अग्नि देव ने प्रसन्न होकर अर्जुन को दिव्य गांडीव धनुष और अक्षय तरकश (असीमित बाण) दिया।
यह धनुष और बाण महाभारत के युद्ध में अर्जुन के सबसे बड़े हथियार थे।
अग्नि देव ने अर्जुन को यह सुनिश्चित किया कि उनके पास युद्ध के दौरान बाणों की कमी न हो।
इसके अलावा, अग्नि देव ने अर्जुन को युद्ध के दौरान अदृश्य रूप में ऊर्जा प्रदान की।
हिंदू धर्म में पूजी जाने वाली गाय को क्यों आते हैं आंसू? सच्चाई जानकर दुख से भर जाएगा दिल
देवताओं के राजा और अर्जुन के पिता, भगवान इंद्र ने भी अपने पुत्र को सहायता दी।
अर्जुन को भगवान इंद्र ने दिव्य अस्त्र, जैसे वज्र (इंद्र का शक्तिशाली अस्त्र) और पाशुपतास्त्र की शिक्षा दी।
इंद्र ने अर्जुन को अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए स्वर्ग में बुलाकर प्रशिक्षित किया।
महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन जब कर्ण के शक्तिशाली दिव्यास्त्रों से घिरे थे, तो इंद्र ने उन्हें बचाने के लिए अपनी शक्तियों का प्रयोग किया।
इंद्र ने कर्ण से कवच और कुंडल छीनकर अर्जुन को परोक्ष रूप से सुरक्षा प्रदान की।
धर्म की रक्षा: इन देवताओं का उद्देश्य धर्म और सत्य के पक्ष में खड़े रहना था।
अर्जुन का चयन: अर्जुन न केवल एक महान योद्धा थे, बल्कि वह धर्म की स्थापना के लिए भगवान कृष्ण के मार्गदर्शन में कार्य कर रहे थे।
गुप्तता बनाए रखना: देवताओं ने गुप्त रूप से मदद की ताकि कौरव सेना को उनकी उपस्थिति का आभास न हो और युद्ध के संतुलन में बाधा न आए।
भगवान श्रीकृष्ण के साथ, हनुमान जी, अग्नि देव, और इंद्र देव ने अर्जुन को अप्रत्यक्ष रूप से सहायता दी, जिससे उन्होंने कौरवों को पराजित करने में सफलता पाई। यह दर्शाता है कि जब धर्म की रक्षा का समय आता है, तो सभी दिव्य शक्तियां एकजुट होकर मदद करती हैं।
India News UP(इंडिया न्यूज),Meerapur by-election: पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि…
पारंपरिक सोने के ब्रश से दांत साफ करती हैं ये बॉलीवुड एक्ट्रेस, सामने आई तस्वीर…
India News (इंडिया न्यूज),Bhagalpur News: भागलपुर के ललमटिया थाना क्षेत्र के टमटम चौक पर सोमवार…
India News RJ(इंडिया न्यूज),Rajasthan SI Paper Leak: सोमवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती परीक्षा…
India News (इंडिया न्यूज),New RRTS Corridor: ग्रेटर नोएडा से गुरुग्राम तक जाने के लिए घंटों…
फेफड़ों को सड़ा रहा है हवा में फैला खतरनाक धुआं, बचने के लिए डाइट में…