Holika Dahan 2023: क्या होलिका दहन पर होगा भद्रा का साया? जानें सही मुहूर्त
Holika Dahan Bhadra Time: होलिका दहन हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इसे छोटी होली भी कहा जाता है। होली से एक दिन पहले होलिका दहन का उत्सव मनाया जाता है। होलिका दहन की रस्मों के साथ होली का पर्व शुरू होता है। इस दिन परंपरा अनुसार, अलाव के चारों तरफ चक्कर लगाते हैं। होलिका दहन की ये परंपरा भगवान विष्णु के भक्त प्रहलाद और उनकी राक्षसी बुआ होलिका से जुड़ी हुई है। यह पर्व हमें बुराई पर अच्छाई की जीत की याद दिलाता है। इस साल होलिका दहन का पर्व 7 मार्च, मंगलवार को मनाया जाएगा।
शास्त्रों के मुताबिक, होलिका दहन भद्रा रहित पूर्णिमा को मनाना उत्तम होता है। चूंकि होलिका दहन प्रदोष काल में ही किया जाता है। वहीं अगर फाल्गुन पूर्णिमा के दिन शाम के समय गोधूलि बेला में भद्रा का प्रभाव हो, तो इस समय होलिका दहन नहीं करना चाहिए। तो आइए जानते हैं कि इस साल होलिका दहन के पर्व पर भद्रा का साया है या नहीं।
होलिका दहन की तिथि
फाल्गुन पूर्णिमा तिथि आरंभ: आज शाम यानि 6 मार्च 2023, सोमवार, शाम 04 बजकर 18 मिनट से फाल्गुन पूर्णिमा तिथि समाप्त: 7 मार्च 2023 मंगलवार, शाम 06 बजकर 10 मिनट तक उदयातिथि के मुताबिक, होलिका दहन का पर्व 7 मार्च, मंगलवार को ही मनाया जाएगा।
भद्रा काल समय
इस बार होलिका दहन का पर्व 7 मार्च, मंगलवार को मनाया जाएगा। वहीं, भद्रा काल का मुहूर्त 06 मार्च 2023 को शाम 04 बजकर 48 मिनट से लगेगा। जो कि 7 मार्च 2023 को प्रातः 05 बजकर 14 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। तो इस हिसाब से पंचांग के मुताबिक इस बार होलिका दहन पर भद्रा का साया नहीं है।
होलिका दहन पर क्यों देखा जाता है भद्रा काल
होली की कथा के मुताबिक यह मान्यता है कि भद्रा के स्वामी यमराज होने की वजह से इस योग में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। वहीं, भद्रा पुंछ में होलिका दहन किया जा सकता है। क्योंकि इस दौरान भद्रा का प्रभाव बेहद ही कम होता है। साथ ही व्यक्ति को कोई दोष भी नहीं लगता है।
होलिका दहन मुहूर्त-
होलिका दहन के लिए 7 मार्च को शाम 06 बजकर 31 मिनट से रात्रि 08 बजकर 58 मिनट तक शुभ मुहूर्त है। इस बार होलिका दहन के लिए केवल 2 घंटे का ही समय मिलेगा।