Hindi News / Dharam / Holika Dahan Was First Done At This Place Even Before Prahlad This Place Has A Deep Connection With Satya Yuga

सबसे पहले इस स्थान पर हुआ था होलिका दहन…प्रहलाद से भी पहले सतयुग की इस जगह से है गहरा संबंध

History of Holika Dahan: सबसे पहले इस स्थान पर हुआ था होलिका दहन प्रहलाद से भी पहले सतयुग की इस जगह से है गहरा संबंध

BY: Prachi Jain • UPDATED :
Advertisement · Scroll to continue
Advertisement · Scroll to continue

India News (इंडिया न्यूज), History of Holika Dahan: भारत और दुनिया भर में होली का जश्न हर वर्ष बड़े उत्साह और परंपरा के साथ मनाया जाता है। इस पर्व का आरंभ बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक होलिका दहन से होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पहली बार होलिका दहन कहां और कैसे हुआ? यह ऐतिहासिक स्थान बिहार के पूर्णिया जिले में स्थित है।

श्रीमद भागवत और स्कंद पुराण में वर्णित कथा

श्रीमद भागवत और स्कंद पुराण में इस घटना का उल्लेख मिलता है। कथा के अनुसार, असुर राजा हिरण्यकश्यपु ने अपने पुत्र प्रह्लाद को भगवान नारायण की भक्ति छोड़ने के लिए अनेक प्रयास किए। जब प्रह्लाद ने अपनी भक्ति नहीं छोड़ी, तो हिरण्यकश्यपु ने अपनी बहन होलिका की सहायता ली।

शादी के लिए कैसे चुनें सही जीवनसाथी? होने वाले पति के साथ आगे बढ़ने से पहले पूछ लें ये 3 सवाल, संत प्रेमानंद जी से जानें

History of Holika Dahan: सबसे पहले इस स्थान पर हुआ था होलिका दहन प्रहलाद से भी पहले सतयुग की इस जगह से है गहरा संबंध

हाल-बेहाल कर देंगे शनि! अगले ढाई साल अगर किए ये काम तो तबाह हो जाएगी इस राशि वालों की जिंदगी, हानि-बीमारियां-दुर्घटना घर को बना लेंगी बसेरा

होलिका को वरदान प्राप्त था कि वह आग में नहीं जलेगी। हिरण्यकश्यपु ने प्रह्लाद को होलिका की गोद में बिठाकर चिता में आग लगवा दी। लेकिन भगवान नारायण की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका जलकर भस्म हो गई।

भगवान नरसिंह का प्राकट्य

प्रह्लाद के आह्वान पर भगवान नारायण ने नरसिंह रूप में अवतार लिया और हिरण्यकश्यपु का वध किया। यह घटना पूर्णिया जिले के बनमनखी प्रखंड के सिकलीगढ़ में हुई थी। यहां वह स्थान मौजूद है जहां होलिका की चिता जली थी और भगवान नरसिंह प्रकट हुए थे। इस स्थान पर आज भी वह खंभा है जिससे भगवान नरसिंह प्रकट हुए थे। इसे “प्रह्लाद स्तंभ” के नाम से जाना जाता है।

ऐतिहासिक महत्व

1911 में प्रकाशित गजेटियर में इस स्थान का उल्लेख “मणिक खंभ” के रूप में किया गया है। इसके अलावा ब्रिटेन से प्रकाशित “क्विक पेजेज द फ्रेंडशिप इनसाक्लोपिडिया” में भी इस खंभे की चर्चा की गई है। यह खंभा धरहरा गांव में स्थित है, जो पूर्णिया जिला मुख्यालय से लगभग 32 किलोमीटर दूर है।

होलिका दहन के समय अपनी राशि के अनुसार अग्नि को जरूर अर्पित कर आएं ये वस्तुएं, जीवन में आई हुई और आने वाली सब बाधाओं का एकमात्र उपाय है ये

प्रह्लाद स्तंभ और पुरातात्विक खोजें

यह खंभा एक निश्चित कोण पर झुका हुआ है और इसका अधिकांश भाग जमीन के अंदर धंसा हुआ है। इसकी लंबाई लगभग 1411 इंच है। प्रह्लाद स्तंभ के पास की गई खुदाई में पुरातात्विक महत्व के सिक्के भी प्राप्त हुए थे। इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने इसके आसपास खुदाई पर रोक लगा दी है।

वर्तमान में आयोजन

प्रति वर्ष होली के अवसर पर यहां राजकीय समारोह होता है। विशाल होलिका दहन के साथ-साथ अनेक रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यह स्थान न केवल धार्मिक, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

होलिका दहन की यह परंपरा बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। यह पर्व हमें सिखाता है कि सत्य और भक्ति की शक्ति से हर संकट का समाधान संभव है। बिहार के पूर्णिया स्थित यह स्थल हमारे इतिहास और संस्कृति की अमूल्य धरोहर है।

चंद्रग्रहण और भद्रा के साये में मनेगी होली! इन 4 राशियों पर आएगा संकट, बचने के लिए तुरंत अपनाएं ये उपाय

Tags:

History of Holika DahanHoli 2025
Advertisement · Scroll to continue

लेटेस्ट खबरें

Nasha Mukt Yuva for Viksit Bharat: काशी से उठेगी नशा मुक्त भारत की नई आवाज़: केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया
Nasha Mukt Yuva for Viksit Bharat: काशी से उठेगी नशा मुक्त भारत की नई आवाज़: केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया
मौसम विभाग का दावा दिल्ली समेत एनसीआर क्षेत्र में एक बार फिर से सक्रिय होगा मानसून, अच्छी बरसात हुई तो धान की फसल को होगा फायदा 
मौसम विभाग का दावा दिल्ली समेत एनसीआर क्षेत्र में एक बार फिर से सक्रिय होगा मानसून, अच्छी बरसात हुई तो धान की फसल को होगा फायदा 
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 65 देशों में एक साथ मनाया दूसरा अंतरराष्ट्रीय चूरमा दिवस, हरियाणा के पारंपरिक खानपान को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने का है मकसद 
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 65 देशों में एक साथ मनाया दूसरा अंतरराष्ट्रीय चूरमा दिवस, हरियाणा के पारंपरिक खानपान को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने का है मकसद 
आर्य समाज मंदिर में हुई मारपीट मामले में सरपंच पति समेत 5 पर मामला दर्ज, सरपंच पति ने दी थी धमकी – तुम आर्य समाजियों को छोड़ेंगे नहीं और आर्य समाज को भी मिटा देंगे 
आर्य समाज मंदिर में हुई मारपीट मामले में सरपंच पति समेत 5 पर मामला दर्ज, सरपंच पति ने दी थी धमकी – तुम आर्य समाजियों को छोड़ेंगे नहीं और आर्य समाज को भी मिटा देंगे 
हरियाणा के इस जिले के सरकारी स्कूल में टीचर ने चौथी कक्षा की छात्रा को से बहाने बुलाया लाइब्रेरी, फिर ऐसा कुछ किया कि सहमी बच्ची ने छोड़ दिया स्कूल जाना 
हरियाणा के इस जिले के सरकारी स्कूल में टीचर ने चौथी कक्षा की छात्रा को से बहाने बुलाया लाइब्रेरी, फिर ऐसा कुछ किया कि सहमी बच्ची ने छोड़ दिया स्कूल जाना 
Advertisement · Scroll to continue