India News (इंडिया न्यूज), Scaring Facts About Aghori Sadhu: अघोरी साधु एक ऐसा समुदाय है जो अपने रहस्यमयी और रोमांचक जीवन के कारण आम लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है। ये साधु अपना अधिकांश जीवन श्मशान में चिताओं के बीच रहते हुए बिताते हैं और शिव और काली माता की उपासना करते हैं।
अघोरी साधु अपने गले में नरमुंड की माला पहनते हैं और इसलिए इन्हें कापालिका भी कहा जाता है। ये साधु अपने जीवन को पूरी तरह से ईश्वर की सेवा में समर्पित करते हैं और सांसारिक मोह को त्याग देते हैं।
अघोरी और श्मशान
अघोरी साधु श्मशान में रहने के कारण अक्सर मृत लोगों के साथ बातचीत करते हैं। मान्यता है कि ये साधु मृत लोगों से कर्म और मोक्ष के बारे में बात करते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि अघोरी साधुओं की तंत्र साधना का असर ऐसा होता है कि कभी-कभी सवालों के जवाब भी सुनाई देते हैं।
अघोरी साधु चिताओं से भक्ति, शक्ति की उपासना, मोक्ष के बारे में बात करते हैं और सांसारिक मोह छोड़ने की सीख देते हैं। ये साधु चिता के राख को शरीर पर लगाते हैं जिसके पीछे जीवन की क्षणभंगुरता और ईश्वर के विराट रूप का संदेश होता है।
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अघोरी साधुओं की जीवनशैली
अघोरी साधु अपने जीवन को पूरी तरह से ईश्वर की सेवा में समर्पित करते हैं। ये साधु अपने दिन की शुरुआत सूर्योदय से पहले ही कर देते हैं और पूरे दिन ईश्वर की पूजा-अर्चना में लगे रहते हैं।
अघोरी साधु अपने भोजन के लिए दान मांगते हैं और जो कुछ भी मिलता है उसे संतुष्ट होकर ग्रहण करते हैं। ये साधु अपने जीवन में सादगी और संयम को महत्व देते हैं और सांसारिक मोह को त्याग देते हैं।
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अघोरी साधु एक ऐसा समुदाय है जो अपने रहस्यमयी और रोमांचक जीवन के कारण आम लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है। ये साधु अपने जीवन को पूरी तरह से ईश्वर की सेवा में समर्पित करते हैं और सांसारिक मोह को त्याग देते हैं। अघोरी साधुओं की जीवनशैली और उनके द्वारा की जाने वाली पूजा-अर्चना हमें जीवन की क्षणभंगुरता और ईश्वर के विराट रूप की याद दिलाती है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।