India News (इंडिया न्यूज़), Pitru Dosh Signs: साल 2024 में पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर से हो रही है। हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष का समय पूर्वजों की आत्मा को तृप्त करने और उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का अवसर माना जाता है। इन दिनों में पितृ दोष की शांति के लिए श्राद्ध कर्म किया जाता है। मान्यता है कि इससे जीवन में आई समस्याएं दूर हो सकती हैं और पितरों का आशीर्वाद मिलता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान कुछ विशिष्ट घटनाएं या संकेत मिलते हैं, जो पितृ दोष की ओर इशारा करते हैं।

पितृ दोष के संकेत क्या हैं?

हरिद्वार के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री के अनुसार, पितृ दोष के संकेत पितृ पक्ष शुरू होने से पहले या पितृ पक्ष के दौरान महसूस किए जा सकते हैं। यदि आपके जीवन में कुछ विशेष घटनाएं घटती हैं, तो यह पितृ दोष होने का संकेत हो सकता है। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  1. पति-पत्नी के बीच निरंतर झगड़े: यदि छोटी-छोटी बातों पर पति-पत्नी में विवाद बढ़ने लगे, तो यह एक संकेत हो सकता है।
  2. गृह क्लेश और पारिवारिक तनाव: यदि परिवार में बेवजह लड़ाई-झगड़े होने लगें, तो इसे पितृ दोष का परिणाम माना जाता है।
  3. आर्थिक समस्याएं: पितृ पक्ष के दौरान यदि धन की कमी महसूस होने लगे या आर्थिक हालात खराब होने लगें, तो यह पितरों की अशांति का प्रतीक हो सकता है।
  4. सपनों में पितरों का दिखना: पितृ दोष का एक और संकेत सपनों में पितरों या श्मशान जैसे दृश्य आना है। सांप का दिखना भी अशुभ संकेत माना जाता है।
  5. नकारात्मक घटनाओं का होना: अपशगुन, व्यापार में नुकसान, प्रमोशन में अड़चनें और नौकरी में परेशानियां भी पितृ दोष के संकेत हो सकते हैं।
  6. जानवरों का असामान्य व्यवहार: रात में कुत्तों का बार-बार भौंकना, बेवजह चीखना या अन्य जानवरों का असामान्य व्यवहार पितृ दोष की ओर इशारा करता है।

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पितृ दोष के निवारण के ज्योतिषीय उपाय

पंडित श्रीधर शास्त्री के अनुसार, पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण ज्योतिषीय उपाय बताए गए हैं। ये उपाय जीवन में शांति और समृद्धि लाने में सहायक हो सकते हैं:

  1. स्वच्छता बनाए रखें: घर और उसके आसपास सफाई का ध्यान रखें। स्वच्छता पितरों को प्रसन्न करती है।
  2. नियमित पूजा-अर्चना: हर दिन समय पर पूजा करें और भगवान से पितरों की शांति के लिए प्रार्थना करें। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
  3. श्राद्ध कर्म विधिपूर्वक करें: श्राद्ध के दिन सही तिथि पर पूरे विधि-विधान से अपने पितरों का श्राद्ध करें। इसके लिए ब्राह्मणों को भोजन कराना आवश्यक है।
  4. प्राणी सेवा: प्रातःकाल गाय को रोटी, कुत्ते को खाना और कौवे को पितरों की पसंदीदा वस्तुएं खिलाएं। यह उपाय पितरों को तृप्त करने में मदद करता है।
  5. दान-पुण्य करें: गरीबों और भूखों को खाना खिलाना पितृ दोष को शांत करने का एक प्रभावी उपाय है। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
  6. श्रद्धा और भक्ति से श्राद्ध: श्राद्ध कर्म करते समय सच्ची श्रद्धा और भक्ति का भाव रखना जरूरी है। पितरों का स्मरण और उनकी शांति के लिए ईमानदारी से प्रार्थना करें।

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पितृ दोष की शांति का महत्व

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितृ दोष का समाधान करने से जीवन की कई समस्याएं खत्म हो सकती हैं। यदि व्यक्ति पितृ पक्ष के दौरान सही तरीके से श्राद्ध कर्म करता है और पितरों को तृप्त करता है, तो उसे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। पितृ दोष न केवल जीवन में नकारात्मक घटनाओं का कारण बनता है, बल्कि यह व्यक्तिगत और पारिवारिक रिश्तों में भी तनाव पैदा करता है।

अतः पितृ पक्ष का समय पितरों का आशीर्वाद पाने का महत्वपूर्ण अवसर होता है, जिससे जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो सकती हैं। शास्त्रों में बताए गए उपायों को अपनाकर पितृ दोष से मुक्ति पाई जा सकती है और एक सुखमय जीवन की प्राप्ति हो सकती है।

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