इंडिया न्यूज, नई दिल्ली

Gaya: बिहार में कोरोना महामारी को देखते हुए बड़ा फैसला लिया गया है। गया में होने वाले पितृपक्ष मेले के आयोजन पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। पिछले साल भी मेले का आयोजन नहीं किया गया था। इसके साथ ही प्रशासन ने कोरोना के खतरे को देखते हुए दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को इससे परहेज करने की अपील की है। पंडा समाज से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार भी एक लाख से अधिक लोगों के आने की संभावना है। इस सूचना के बाद गया जिला प्रशासन ने तैयारी कर ली है और पिंडदान करने आने वालों के लिए कई निर्देश जारी किए हैं।

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जिला प्रशासन ने जारी किए आदेश

Gaya जिला प्रशासन ने बाहर से आने वाले लोगों के लिए कोरोना टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। साथ ही लोगों के बड़े समूह में आने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। हालांकि, जो पिंडदानी सीमित संख्या में आ रहे हैं, उन्हें पिंडदान की अनुमति दी गई है। प्रशासन ने कहा है कि जिन्होंने कोरोना का टीका नहीं लगवाया है, उनका टीकाकरण भी किया जाएगा। संभव हो तो राज्य के अंदर और बाहर के श्रद्धालु कोरोना की वजह से पितृ तर्पण के लिए गया न आएं। लोगों के बड़े ग्रुप में आने पर प्रतिबंध रहेगा।

  • पितृ पक्ष को देखते हुए राजकीय कार्यक्रम नहीं होगा। पंडा-पुजारी इसे सुनिश्चित कराएं।
  • कोरोना गाइडलाइंस से संबंधित दिशा-निर्देश के तहत सीमित संख्या में लोग पिंडदान कर सकेंगे।
  • इस समय पिंडदान करने वालों के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं की जाएगी।

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तीर्थयात्री सबसे पहले करें ये काम

  • Gaya आ रहे पिंडदान करने वाले यात्री रेलवे स्टेशन पर बने पुलिस कैंप, जिला प्रशासन के कैंप या फिर पंडा समाज के कैंप से संपर्क कर श्राद्ध से संबंधित जानकारी ले सकते हैं।
  • जिला प्रशासन की ओर से तीर्थ यात्रियों के लिए एक कंट्रोल रूम की व्यवस्था की जा रही है। इसका नंबर-0631 2222 253, 2222259 है
  • विष्णुपद मंदिर स्थित संवाद सदन में भी एक कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है। यहां भी तीर्थ यात्री अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं।
  • तीर्थयात्री खुद अपने क्षेत्र के पंडा से संपर्क कर पिंडदान के कार्य कर सकते हैं।

पंडे-कर्मी होंगे स्टेशन पर मौजूद

विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभु लाल बिठ्?ठल ने बताया कि जो यात्री रेल से आ रहे हैं, उनके स्वागत के लिए विभिन्न क्षेत्र के पंडा या उनके कर्मचारी स्टेशन पर मौजूद रहेंगे। तीर्थयात्री उनसे संपर्क कर यातायात, रहने, खान-पान संबंधित जानकारी ले सकते हैं। सड़क मार्ग से आने वाले तीर्थयात्री भी अपने क्षेत्र के पंडा से संपर्क कर आगे बढ़ सकते हैं।

उन्होंने बताया कि ज्यादातर यात्रियों के पास उनके क्षेत्र के पंडे का किसी न किसी रूप में संपर्क होता ही है। इतनी व्यवस्था के बाद भी यदि कोई तीर्थयात्री संतुष्ट नहीं हैं, तो वह सीधे विष्णुपद मंदिर पहुंचे। वहां देश के सभी प्रांत व क्षेत्र के पंडे मिलेंगे और वे तीर्थयात्रियों की हर समस्या का समाधान करेंगे।

20 सितंबर से शुरू हो जाएगा पितृ पक्ष

पितृ पक्ष 20 सितंबर से शुरू हो जाएगा। त्रिपाक्षिक श्राद्ध करने वाले 19 सितंबर से ही पुनपुन या गया शहर के गोदावरी तालाब से पिंडदान की क्रिया शुरू करेंगे। 20 सितंबर को फल्गु में पूर्णिमा श्राद्ध होगा। यह 7 अक्तूबर तक चलेगा।

मेले में देश-विदेश से श्रद्धालु गया पहुंचते हैं

यह लगातार दूसरी बार है जब कोरोना के चलते इस मेले का आयोजन रद्द किया गया है। गया में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पितरों के आशीर्वाद के लिए पिंडदान और तर्पण करते हैं। धार्मिक ग्रंथों में ऐसा कहा गया है कि गयाजी में साक्षात भगवान विष्णु का दर्शन करके मानव सभी ऋणों से मुक्त हो जाता है।

सिटी एसपी राकेश कुमार ने बताया कि पितृ पक्ष का राजकीय मेले इस बार नहीं हो रहा है। हालांकि, तीर्थयात्रियों के आने की सूचना मिल रही है। ऐसे में रुटीन की व्यवस्था के अलावा फोर्स की तैनाती प्रमुख स्थानों पर किए जाने की तैयारी चल रही है, ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे और यात्रियों को परेशानी न हो। सभी एंट्री पॉइंट पर पुलिस पिकेट होंगे। साथ ही सभी प्रमुख पिंडवेदियों के पास भी पुलिस की व्यवस्था की जाएगी।

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