Aghan Month 2022: आज से अगहन मास की शुरुआत हो चुकी है। बता दें कि भगवान श्री कृष्ण के प्रिय मास में से एक माना जाता है। इस मास को मार्गशीर्ष मास के नाम से भी जानते हैं। गीता में खुद श्रीकृष्ण ने कहा कि माहों में मार्गशीर्ष और ऋतुओं में बसंत मैं हूं। इसी वजह से इस मास का विशेष महत्व है। इस मास में भगवान विष्णु के साथ श्री कृष्ण और उनके बाल स्वरूप बाल गोपाल की पूजा विधि-विधान से करना शुभ माना जाता है। जहां इस माह में मांगलिक कार्य करना शुभ माना जाता है। तो वहीं इस माह में कुछ ऐसी तिथियां भी होती है, जिनमें किसी भी तरह के शुभ कार्य करने की मनाही होती है। इन दिनों में शुभ काम करने से कई तरह के नुकसान का सामना करना पड़ता है।

अगहन मास का महत्व

जानकारी के अनुसार, अगहन मास काफी शुभ माना जाता है क्योंकि इस मास में भी भगवान श्री राम और माता लक्ष्मी की शादी हुई थी। इसी वजह से अगहन मास की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता है। वहीं, शिव पुराण के अनुसार, माना जाता है कि अगहन मास में भी हिमनरेश हिमावन ने अपनी पार्वती का विवाह शिव जी के साथ निश्चित किया था। इस वजह से इस मास का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है।

कब से कब तक रहेगा मार्गशीर्ष मास

आपको बता दें कि मार्गशीर्ष मास 9 नवंबर 2022 से 8 दिसंबर 2022 तक चलेगा, जिसके बाद पौष माह की शुरुआत होगी। इस महीने में काल भैरव जयंती, उत्तान एकादशी समेत कई बड़े व्रत-त्योहार आएंगे।

अगहन मास की इन तिथियों पर न करें शुभ काम

शास्त्रों के अनुसार, अगहन मास की सप्तमी (15 नवंबर 2022) और अष्टमी तिथि (16 नवंबर 2022) को किसी भी तरह का शुभ काम नहीं करना चाहिए। क्योंकि इन्हें मास शून्य तिथियां माना जाता है। मान्यता है कि इन तिथियों में शुभ काम करने से शारीरिक, आर्थिक परेशानियों के साथ-साथ समाज में मान-सम्मान कम हो जाता है।

अगहन मास में करें ये काम

  • अगहन मास में भगवान श्रीकृष्ण की विधिवत पूजा करना चाहिए।
  • इसके साथ ही इस मास में स्नान-दान का काफी अधिक महत्व है। इससे रोग, दुख और दरिद्रता का नाश होता है।
  • इसके साथ ही इस मास में ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का नियमित रूप से जाप करना चाहिए।
  • मार्गशीर्ष में शंख की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में शंख की पूजा करने से देवी लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं और साधक पर धन की वर्षा होती है।
  • इस महीने में कान्हा को तुलसी, मोर पंख आदि चढ़ाने से दोषों का नाश होता है।