India News (इंडिया न्यूज), Maha Kumbh 2025: महाकुंभ, वह पवित्र अवसर है जब लाखों श्रद्धालु एकत्र होकर संगम में स्नान करते हैं और भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस बार महाकुंभ में चार साध्वियाँ विशेष रूप से सुर्खियों में आई हैं। ये साध्वियाँ न केवल अपनी आध्यात्मिकता और भक्ति के लिए जानी जाती हैं, बल्कि उनकी चमत्कारी शक्तियों ने भी श्रद्धालुओं का दिल जीत लिया है। आइए जानते हैं इन चार अनोखी साध्वियों के बारे में और कैसे उनकी उपस्थिति ने महाकुंभ को और भी खास बना दिया है।

1. चंचल नाथ अघोरी: बिना माचिस के अग्नि प्रज्वलित करने वाली साध्वी

चंचल नाथ अघोरी का जन्म बंगाल में हुआ था। महज सात साल की उम्र में उन्होंने अपने घर को छोड़ दिया और आध्यात्मिक मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। आज वे हरियाणा के करनाल स्थित मां काली के मंदिर में निवास करती हैं और पूजा-अर्चना करती हैं। उनके पास अद्भुत शक्तियाँ हैं। वे बिना माचिस के हवन में अग्नि प्रज्वलित करने की क्षमता रखती हैं। उनके दर्शन से लोगों का जीवन बदलने का दावा किया जाता है। चंचल नाथ अघोरी की खूबसूरती और मां काली के दिव्य आशीर्वाद से उनका चेहरा आभायुक्त रहता है, जो श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। महाकुंभ में उनके दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।

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2. हर्षा मां: खूबसूरती और भक्ति का अनोखा संगम

हर्षा मां, जिनकी उम्र केवल 30 साल है, अपनी सौंदर्य और भक्ति के लिए प्रसिद्ध हैं। वे आचार्य महामंडलेश्वर की शिष्या हैं और अपने जीवन को महादेव की भक्ति में समर्पित कर चुकी हैं। हर्षा मां की आकर्षक छवि और उनकी गहरी भक्ति ने श्रद्धालुओं को प्रेरित किया है। महाकुंभ में उनकी उपस्थिति ने धार्मिक वातावरण को और भी गहरा किया है। उनके बारे में कहा जाता है कि उनकी भक्ति और उनके व्यक्तित्व से लोगों को आंतरिक शांति मिलती है।

3. धनेश्वरी: रूस से भारत तक का आध्यात्मिक सफर

धनेश्वरी की कहानी कुछ अलग है। वे रूस की रहने वाली हैं, जिन्होंने संसार के मोह-माया से दूर होकर भारत में आकर प्रभु की भक्ति अपनाई। उनका समर्पण और आध्यात्मिक यात्रा न केवल भारतीय बल्कि विदेशी श्रद्धालुओं को भी प्रेरित करती है। महाकुंभ में उनकी उपस्थिति ने उन्हें एक वैश्विक पहचान दिलाई है। उनके दर्शन से न केवल भारतीय बल्कि विदेशी भक्त भी आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आकर्षित हो रहे हैं।

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4. हेमलता अघोरी: गौ माता की सेविका

हेमलता जी ने मात्र 15 साल की उम्र में घर छोड़कर अघोरी साध्वी बनने का संकल्प लिया था। उन्होंने अपना जीवन जनकल्याण और गौ सेवा के लिए समर्पित कर दिया है। वे नियमित रूप से हवन करती हैं और अपनी चमत्कारी शक्तियों से लोगों की मदद करती हैं। उनके भीतर का प्रेम और सेवा भाव हर किसी को प्रभावित करता है। हेमलता जी की उपस्थिति महाकुंभ में एक अलग ही ऊर्जा का संचार करती है और लोग उन्हें श्रद्धा से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पहुंचते हैं।

महाकुंभ में आस्था का सैलाब

इन साध्वियों की उपस्थिति ने महाकुंभ को और भी खास बना दिया है। इनकी भक्ति, चमत्कारी शक्तियाँ और आध्यात्मिकता ने महाकुंभ के वातावरण को और भी दिव्य बना दिया है। इन साध्वियों के दर्शन के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आ रहे हैं, और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद लोग अपने जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता महसूस करते हैं। महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों में ऐसी विभूतियां न केवल आस्था को बढ़ावा देती हैं बल्कि जनकल्याण के लिए प्रेरणा भी बनती हैं।

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इन साध्वियों के बारे में जानकर यदि आप भी महाकुंभ में उनके दर्शन करना चाहते हैं, तो यह सुनहरा अवसर आपके जीवन में नई रोशनी ला सकता है। महाकुंभ एक ऐसा पवित्र आयोजन है, जहाँ आस्था और विश्वास का संगम होता है, और इन साध्वियों के दर्शन से इस आस्था में और भी वृद्धि हो रही है।

महाकुंभ न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह एक अद्भुत अवसर है जब श्रद्धालु अपनी आस्था और भक्ति के साथ चमत्कारी साध्वियों से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इन साध्वियों की उपस्थिति महाकुंभ के धार्मिक और आध्यात्मिक माहौल को और भी गहरा करती है। उनके दर्शन जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और आंतरिक शांति लाते हैं।

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