India News (इंडिया न्यूज), Secret Behind Draupadi’s Beauty: महाभारत का युद्ध इतिहास में अब तक का सबसे विनाशकारी युद्ध माना जाता है, जिसमें 18 दिनों में करोड़ों योद्धा मारे गए थे। इस युद्ध के मूल में द्रौपदी का अपमान और उससे उपजा प्रतिशोध ही था। द्रौपदी का जीवन रहस्यों और संघर्षों से भरा हुआ था। अग्निकुंड से जन्म लेने वाली इस नारी को न केवल अद्वितीय सुंदरता का प्रतीक माना जाता है, बल्कि उनकी सुंदरता अग्नि की लपटों की तरह तीव्र और मोहक कही गई है।

स्वयंवर और विवाह का अद्भुत प्रसंग

द्रौपदी के स्वयंवर में अर्जुन ने विजय प्राप्त की थी। लेकिन भाग्य ने कुछ ऐसा मोड़ लिया कि परिस्थितिवश उनका विवाह पांचों पांडव भाइयों से हुआ। यह घटना महाभारत में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। स्वयंवर के दौरान कई राजा द्रौपदी का हाथ पाने के लिए आए, लेकिन असफलता के कारण उनमें से कई ने द्रौपदी से नफरत करना शुरू कर दिया।

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द्रौपदी के अपमान और उससे उपजा प्रतिशोध

  1. कर्ण: महान धनुर्धर कर्ण को द्रौपदी ने स्वयंवर में भाग लेने से ठुकरा दिया था, क्योंकि वह सूतपुत्र था। इस अपमान से कर्ण ने द्रौपदी से नफरत करना शुरू कर दिया। महाभारत युद्ध में अर्जुन ने कर्ण का वध किया, जो संभवतः इस द्वेष की परिणति थी।
  2. दुर्योधन: दुर्योधन भी द्रौपदी के स्वयंवर में धनुष उठाने में असमर्थ रहा। इस अपमान का बदला उसने द्रौपदी का चीरहरण कराकर लिया। इसी घटना ने महाभारत युद्ध की नींव रखी। चीरहरण के समय भीम ने प्रतिज्ञा ली कि वह दुर्योधन की जंघा तोड़ेंगे, और युद्ध में उन्होंने ऐसा ही किया।
  3. जयद्रथ: दुर्योधन का बहनोई जयद्रथ पांडवों के वनवास के दौरान द्रौपदी का अपहरण कर ले गया। इस घटना के लिए भीम ने उसे गंजा कर दिया था, और महाभारत युद्ध में अर्जुन ने जयद्रथ का वध किया।
  4. शिशुपाल: चेदि के राजा शिशुपाल, जो श्रीकृष्ण के दूर के भाई थे, भी द्रौपदी के स्वयंवर में धनुष नहीं उठा सके। बाद में, श्रीकृष्ण ने शिशुपाल का वध किया।
  5. राजा शल्य: नकुल और सहदेव के मामा राजा शल्य भी द्रौपदी के स्वयंवर में असफल रहे। उन्होंने महाभारत युद्ध में कौरवों का साथ दिया और युधिष्ठिर के हाथों मारे गए।
  6. राजा वृहदबल: भगवान राम के वंशज राजा वृहदबल भी स्वयंवर में द्रौपदी को जीतने में असफल रहे। उन्होंने कौरवों के लिए युद्ध किया और अभिमन्यु के हाथों मारे गए।

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कीचक और द्रौपदी

राजा विराट का सेनापति कीचक, पांडवों के अज्ञातवास के दौरान, दासी वेश में रहने वाली द्रौपदी पर मोहित हो गया था। उसने द्रौपदी के साथ दुर्व्यवहार करने की कोशिश की। भीम ने इस अन्याय का अंत किया और कीचक का वध कर दिया।

द्रौपदी का जीवन और उनकी कहानी महाभारत का एक अहम हिस्सा है। उनके साथ हुआ अन्याय और अपमान ही वह चिंगारी था, जिसने कौरव और पांडवों के बीच युद्ध को अपरिहार्य बना दिया। द्रौपदी के जीवन के इन प्रसंगों से यह स्पष्ट होता है कि उनके संघर्ष और त्याग ने इतिहास के सबसे बड़े युद्ध की दिशा तय की। उनका चरित्र आज भी नारी शक्ति और स्वाभिमान का प्रतीक है।

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