धर्म

किस योग में हुआ था भगवान श्री राम और माता सीता का विवाह, आज भी निभाई जा रही है मिथला में ये परम्परा?

India News (इंडिया न्यूज), Kis Yog Mein Hui Thi Ram Sita Ki Shadi: भारत में विवाह केवल एक सामाजिक बंधन नहीं, बल्कि यह एक दिव्य और पवित्र संघ का प्रतीक भी होता है। माता-पिता की यह चाह रहती है कि उनके बेटे को सीता जैसी पत्नी और बेटी को भगवान राम जैसा पति मिले। इसी प्रकार, विवाह करने वाले युवक-युवतियाँ भी अपने जीवनसाथी के चयन में माता सीता और भगवान राम जैसे आदर्श गुणों की खोज करते हैं।

श्री राम और माता सीता का विवाह भी एक अद्वितीय शुभ योग और पारंपरिक धार्मिक मान्यता के अनुसार सम्पन्न हुआ था। इस लेख में, हम श्री राम और माता सीता के विवाह से जुड़े धार्मिक महत्व और शुभ योग को विस्तार से जानेंगे।

1. श्री राम और माता सीता का विवाह: शुभ योग

भगवान राम और माता सीता की शादी एक बहुत ही शुभ समय पर सम्पन्न हुई थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह विवाह विवाह पंचमी के दिन हुआ था। विवाह पंचमी, हिन्दू कैलेंडर के अनुसार अगहन मास की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान राम और माता सीता के विवाह के लिए महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है।

भगवान राम ने किस जगह त्यागा था अपना मानव शरीर? आज कहां हैं वह स्थान!

2. विवाह पंचमी का महत्व

विवाह पंचमी, हिन्दू धर्म में एक प्रमुख त्योहार है, जो भगवान राम और माता सीता के विवाह की स्मृति में मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से उत्तम और शुभ माना जाता है, क्योंकि इसे देवी सीता और भगवान राम के विवाह के दिन के रूप में देखा जाता है। इस दिन को मानने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति की कामना की जाती है।

3. शादी के बाद श्री राम का ससुराल में ठहरना

शादी के पश्चात, भगवान श्री राम ने मिथिला में माता सीता के ससुराल में लगभग 15 दिन तक ठहरने का निर्णय लिया। यह परंपरा आज भी मिथिला क्षेत्र में देखी जाती है, जहाँ शादी के बाद दूल्हा को ससुराल में रखा जाता है। यह परंपरा सम्मान और आदर के प्रतीक के रूप में निभाई जाती है, और इसे दूल्हे के परिवार को ससुराल के परंपराओं और संस्कृति का सम्मान करने का एक तरीका माना जाता है।

एक मिनट में महाभारत का युद्ध खत्म कर देता ये योद्धा, सिर्फ इस वजह से कुछ नही कर पाया?

4. माता सीता के भाई की पत्नी द्वारा स्वागत

विवाह के बाद, श्री राम को ससुराल में ठहराने का सम्मान माता सीता के भाई की पत्नी ने किया था। यह इस बात का प्रतीक है कि विवाह के बाद की पहली मुलाकात और स्वागत में परिवार की जिम्मेदारियों का पूरा ध्यान रखा गया था। इसे सम्मान और परंपरा के साथ निभाया गया था, जो विवाह के शुद्धता और पवित्रता को दर्शाता है।

निष्कर्ष

श्री राम और माता सीता का विवाह एक धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण घटना है। इस विवाह ने न केवल एक दिव्य युगल का उदाहरण प्रस्तुत किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि कैसे शुभ योग और परंपराएं विवाह के पवित्र बंधन को स्थिर और सशक्त बनाती हैं। विवाह पंचमी पर भगवान राम और माता सीता के विवाह की स्मृति मनाने से हम इस पवित्र बंधन की दिव्यता और महत्ता को समझ सकते हैं, और इसे अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा प्राप्त कर सकते हैं।

एक शूरवीर योद्धा होकर भी आखिर क्यों अर्जुन को पूरे एक साल तक महिला बनकर पड़ा था रहना?

Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

Prachi Jain

Recent Posts

रद्द होंगे UP के उपचुनाव? अखिलेश के चाचा ने बंदूक कांड पर मचाया बवाल, हार का डर या कुछ और

पोस्ट में रामगोपाल यादव ने चुनाव आयोग को टैग करते हुए मांग की है कि…

16 minutes ago

इटावा रेलवे स्टेशन पर NDRF और रेलवे का संयुक्त मॉक ड्रिल संपन्न, जानें डिटेल में

India News (इंडिया न्यूज), Itawa News: 22 नवंबर 2024 को प्रयागराज मंडल के इटावा रेलवे…

17 minutes ago

गया में मतगणना कल, तैयारियों का डीएम ने लिया पूरा जायजा

India News (इंडिया न्यूज), Bihar News: बिहार के गया जिले की इमामगंज और बेलागंज विधानसभा…

37 minutes ago

Delhi Jal Board: यमुना प्रदूषण पर एनजीटी की सख्ती, दिल्ली जल बोर्ड और नगर निगम पर 50 करोड़ का जुर्माना

India News (इंडिया न्यूज),Delhi Jal Board: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने यमुना नदी के प्रदूषण को…

39 minutes ago

चल रही है शनि की महादशा? इस तरीके से शनि महाराज से मांगें माफी, कट जाएंगे सारे कष्ट…दिखेगा शनि का अलग रूप

Forgiveness From Shanidev: शनि देव से माफी मांगने के लिए “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र…

40 minutes ago