Inspirational Stories Related to Diwali : एक दिन एक साधु को धन व वैभव की लालसा हुई तो उसने माता लक्ष्मी की तपस्या की। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर माता लक्ष्मी ने उसे जल्दी ही धन मिलने का वरदान दिया। उसके बाद वह राजा के महल में गया तथा उसका मुकुट उतार कर फेंक दिया। तभी उस मुकुट में से एक विषैला सर्प निकला। यह देखकर सभी उस साधु पर अत्यधिक प्रसन्न हुए तथा राजा ने उसे मंत्री पद दे दिया। कुछ दिनों के पश्चात उस साधु ने सभी को महल से बाहर जाने को कहा तथा वह राजा का हाथ पकड़कर बाहर ले गया।
थोड़ी देर में ही एक भीषण भूकंप आया तथा वह महल धराशायी हो गया। साधु की इस बुद्धिमता से सभी प्रभावित हुए तथा राजा ने उसे बहुत सारा धन व एक विशाल भवन रहने को दिया। किंतु धीरे-धीरे उसमे अहंकार आने लगा। इसी अहंकार में उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो गयी तथा वह मुर्खतापूर्ण कार्य करने लगा। यह देखकर राजा ने उसे कारावास में डलवा दिया। इससे दुखी होकर साधु ने माँ लक्ष्मी की आराधना की तो माँ लक्ष्मी ने उससे कहा कि तुमने मेरी तो पूजा कि लेकिन बुद्धि के देवता गणेश को पूजना भूल गए।
इस प्रकार उस साधु को यह ज्ञान हुआ कि धन व वैभव तभी टिकता हैं जब मनुष्य अपनी बुद्धि व विद्या का उचित प्रयोग करे। तो यह सभी कथाएं दिवाली के पर्व से जुड़ी हुई मानी गयी हैं जिससे हमे कई प्रकार की शिक्षाएं मिलती हैं। इसलिये हमे कभी भी अपने जीवन में धन का लोभ नही करना चाहिए तथा जितना मिले उसमे संतुष्ट रहना चाहिए।
एक समय में एक गाँव में निर्धन साहूकार अपनी पुत्री के साथ रहता था। उसकी बेटी प्रतिदिन पीपल के वृक्ष को पानी देने जाती थी। उसी वृक्ष पर माँ लक्ष्मी का निवास था जिन्होंने उससे मित्रता करने का प्रस्ताव दिया। साहूकार की बेटी ने अपने पिता से पूछकर माँ लक्ष्मी से मित्रता कर ली।
एक दिन माँ लक्ष्मी उसकी बेटी को अपने घर लेकर गयी तथा उसकी बहुत आवाभगत की। जब वह जाने लगी तो लक्ष्मी माँ ने भी एक दिन उसके घर आने को कहा। चूँकि वह बहुत निर्धन थी इसलिये उसने अपने घर पर दिया जलाकर माँ लक्ष्मी की आराधना शुरू कर दी।
उसी समय आकाश से एक चील नौलखा हार उसके यहाँ गिराकर चली गयी। साहूकार व उसकी पुत्री ने वह हार बेचकर माँ लक्ष्मी के लिए भोजन की व्यवस्था की। जब लक्ष्मी माँ भगवान गणेश के साथ वहां आई तब साहूकार और उसकी बेटी ने मिलकर उनकी बहुत आवाभगत की। यह देखकर माँ लक्ष्मी बहुत प्रसन्न हुई तथा उसके बाद से साहूकार को कभी धन की कमी नही हुई।
एक दिन कार्तिक अमावस्या की रात को माँ लक्ष्मी मृत्यु लोक में भ्रमण कर थी। रात्रि को विश्राम करने के लिए उन्होंने एक घर की खोज की लेकिन सभी के द्वार बंद थे। तभी उन्हें दूर एक वृद्ध महिला की झोपड़ी दिखाई दी जिसका द्वार खुला था व एक दीपक जल रहा था। माँ लक्ष्मी वहां गयी तो देखा वह वृद्धा चरखा चला रही हैं।
उस बूढ़ी महिला ने माँ लक्ष्मी को वहां रहने का स्थान दिया तथा स्वयं कार्य करने लगी। सुबह उठकर जब उस बूढ़ी महिला ने देखा तो लक्ष्मी माँ वहां से जा चुकी थी तथा उसकी झोपड़ी एक भव्य महल में परिवर्तित हो चुकी थी। इसलिये लोग दिवाली की रात को अपने घर के द्वारो को खुला रखते हैं ताकि लक्ष्मी माता उनके घर आए।
Also Read : Causes of Heart Attack क्या है नौजवानों में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों की वजह
Read More : Priyanka Gandhi Pratigya Yatra बाराबंकी से हरी झंडी
Read More : Priyanka Gandhi Announced: प्रियंका का बड़ा ऐलान, जीते तो लड़कियों को स्मार्ट फोन और ई-स्कूटी देंगे
India News (इंडिया न्यूज) Himachal News: बाबा साहेब आंबेडकर को लेकर की गई टिप्पणी पर…
India News (इंडिया न्यूज),Vande Bharat Express: मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल (सीएसएमटी) से मडगांव…
India News (इंडिया न्यूज),Mohan Bhagwat Statement: योग गुरु बाबा रामदेव ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत…
Horoscope of 2025: शनि देव का यह गोचर आपके जीवन में कर्मों के महत्व को…
India News (इंडिया न्यूज),CG News: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पंडरी में स्वास्थ्य…
Chhagan Bhujbal: महाराष्ट्र में अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल हाल ही में मुख्यमंत्री…