डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
संबंधित खबरें
Pradosh Vrat 2025 Date: कब होगा फरवरी महीने का आखिरी प्रदोष व्रत? आज ही नोट कर लें सही मुहूर्त एवं योग
क्या हो अगर नमाज़ पढ़ते हुए बीच में ही आ जाएं भूकंप…तो क्या बीच में ही तोड़ चले जाना चाहिए भाग, क्या कहता है इसपर इस्लाम?
क्या होता है जब बार-बार दिखाई दे एक ही नंबर? भगवान से मिल रहे होते है लगातार ऐसे संकेत!
मम्मी-पापा के लड़ने से तबाह हो जाता है खानदान का ये ग्रह, रूठ जाते हैं देवताओं के गुरु, ऐसी हो जाती है जिंदगी
'हम लोग तो…', जया किशोरी से शादी पर फिर बोले धीरेन्द्र शास्त्री? एक ही बार में मिटा दी सारी कंफ्यूजन
क्यों खड़े करके ही ले जाया जाता है किन्नरों का शव…लोग कहते है देखना होता है अशुभ लेकिन आज जानें क्या है असल सच?
Facts About Aghori Tantra Vidhya: अघोरी के सामने जब बोल पड़ता हैं मुर्दा
India News(इंडिया न्यूज), Facts About Aghori Tantra Vidhya: भारत में अघोरी साधु एक रहस्यमयी और विवादित समूह के रूप में पहचाने जाते हैं। ये साधु अपनी जीवनशैली, साधनाओं और साधना के स्थान के कारण आम जनता से काफी अलग होते हैं। शरीर पर राख, गले में हड्डियों की माला, और इंसानी खोपड़ी को ताबीज की तरह लटकाए अघोरी साधु अपने अस्तित्व से बहुत ही रहस्यमय और भयावह प्रतीत होते हैं। उनका जीवन श्मशान घाट और तंत्र विद्या से जुड़ा होता है, और वे सिद्धि की प्राप्ति के लिए अपनी साधनाओं में अति कठिन तपस्या करते हैं।
अघोरी साधु अपनी साधनाओं को तंत्र विद्या, योग और शिव की पूजा से जोड़ते हैं। उनका मानना है कि जीवन और मृत्यु का संबंध केवल शरीर से नहीं, बल्कि आत्मा से है। अघोरी साधु इस सिद्धांत को अपने जीवन में उतारते हुए, शरीर को परे रखकर आत्मा के सर्वोत्तम जागरण की कोशिश करते हैं। वे मृत्यु और जीवन के परे जाकर ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति के लिए कठोर साधना करते हैं। इस उद्देश्य को पाने के लिए श्मशान घाट जैसी भयानक और घिनौनी जगह पर साधना करना अघोरी साधुओं की परंपरा है।
अघोरी साधु श्मशान में जाकर एक ऐसी साधना करते हैं, जो सामान्य साधकों के लिए असंभव मानी जाती है। उनका जीवन पूरी तरह से कष्ट, त्याग और तंत्र विद्या से भरा होता है। अघोरी साधु अपनी साधनाओं को तीन मुख्य हिस्सों में बाँटते हैं, जो पूरी तरह से गुप्त होती हैं और श्मशान घाट पर ही की जाती हैं। आइए, जानते हैं इन तीनों प्रमुख साधनाओं के बारे में:
अघोरी साधुओं की सबसे प्रसिद्ध साधना शव साधना है। यह साधना श्मशान घाट के शांति से दूर, मृतकों के शवों के पास होती है। रात के समय श्मशान में अकेले बैठकर अघोरी साधु शव साधना करते हैं, जिसमें वे मृतक के शव को तंत्रमंत्र, मांस, और मदिरा का भोग अर्पित करते हैं। यह साधना कुछ इस प्रकार से होती है कि शव मृत होने के बाद भी बोलने लगता है और अघोरी साधु की इच्छाओं को पूरा करता है। यह मान्यता है कि शव साधना के दौरान शरीर से निकली आत्मा को नियंत्रित किया जा सकता है, और अघोरी साधु उसकी इच्छाओं का पालन करवाने में सक्षम हो जाते हैं।
अघोरी साधु शिव साधना भी करते हैं, जो उनके सिद्ध बनने के रास्ते में एक महत्वपूर्ण साधना मानी जाती है। शव साधना के बाद, अघोरी साधु शिव की पूजा करते हुए शव के ऊपर एक पैर रखकर खड़े हो जाते हैं। यह साधना भगवान शिव और उनकी पत्नी पार्वती के तंत्र को ध्यान में रखते हुए की जाती है। अघोरी साधु के अनुसार, शिव की पूजा के इस रूप से उनकी शक्तियां बढ़ती हैं, और वे आध्यात्मिक स्तर पर उच्चतम स्थान प्राप्त कर सकते हैं।
श्मशान साधना वह साधना है, जिसमें मृतक के परिवार और अघोरी साधु दोनों मिलकर शवपीठ की पूजा करते हैं। इस पूजा में मृतक के शव का कोई महत्व नहीं होता, बल्कि उस स्थान के साथ जुड़ी शक्ति का पूजन किया जाता है। अघोरी साधु श्मशान में हवनकुंड जलाकर, गंगा जल चढ़ाते हैं और प्रसाद के रूप में दूध से बने मावे का भोग अर्पित करते हैं। इस साधना के दौरान मृतक का परिवार भी उपस्थित रहता है, क्योंकि यह साधना मृतक की आत्मा की शांति और समृद्धि के लिए की जाती है।
इन तीन प्रमुख साधनाओं को सही तरीके से पूर्ण करने के बाद, अघोरी साधु अपराजित हो जाते हैं। वे किसी भी कार्य को सिद्ध करने में सक्षम होते हैं और जीवन के सभी पहलुओं में संतुलन बना सकते हैं। इन साधनाओं से उन्हें अलौकिक शक्तियाँ मिलती हैं, जैसे कि भविष्य जानने की शक्ति, शारीरिक या मानसिक रोगों का इलाज करने की क्षमता, और साथ ही साथ मृतकों के साथ संवाद करने की क्षमता भी।
अघोरी साधु का जीवन बेहद कठिन और कष्टकारी होता है, क्योंकि वे दुनिया की माया से पूरी तरह से मुक्त रहते हैं और उनके लिए केवल आत्मा का उद्धार ही सर्वोपरि होता है। वे सामाजिक या पारिवारिक रिश्तों से बाहर रहकर जीवन जीते हैं, और उनके लिए श्मशान की भूमि ही सबसे पवित्र स्थान होती है।
अघोरी साधुओं को अक्सर समाज के लिए एक रहस्यमय और डरावने व्यक्तित्व के रूप में देखा जाता है। उनकी कठोर साधनाएँ और जीवनशैली उन्हें समाज के मुख्यधारा से दूर करती हैं। लेकिन, वे अपने कार्यों में अपनी उच्चतम साधना को देखते हैं और इसे किसी प्रकार के दिखावे या शौक के रूप में नहीं अपनाते। अघोरी साधु समाज के लिए किसी भी प्रकार के चमत्कारी कार्यों का प्रदर्शन नहीं करते, बल्कि वे अपने साधना के माध्यम से आत्मिक उन्नति और ब्रह्मज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रयासरत रहते हैं।
अघोरी साधु का जीवन और उनका साधना मार्ग किसी भी सामान्य व्यक्ति के लिए समझ पाना आसान नहीं है। वे मृत्यु और जीवन के परे जाकर अपने आत्मज्ञान को प्राप्त करने की कोशिश करते हैं, और उनकी साधनाओं की दुनिया एक अद्भुत और रहस्यमयी जादू से भरी हुई होती है। अघोरी साधु की साधना के माध्यम से हमें यह सीखने को मिलता है कि जीवन की माया से परे जाकर आत्मिक शांति और सिद्धि की प्राप्ति के लिए कठोर तपस्या और त्याग आवश्यक है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.