India News (इंडिया न्यूज़), Jagannath Rath Yatra 2024चार धाम की यात्रा जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। ऐसे में जगन्नाथपुरी की यात्रा भी उनमें से एक है। आषाढ़ शुक्ल द्वितीय को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का प्रारंभ किया जाता है। जो कि उड़ीसा में निकलती है। वही इस साल यह यात्रा 7 जून से शुरू होने वाली है।

  • इस तरह होता है रथ का इस्तेमाल
  • ये है खासियत रथ मं जगन्नाथपुरी की

क्या है जगन्नाथपुरी रथ यात्रा का महत्व

रथ यात्रा के बारे में बताएं तो इसमें भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र और छोटी बहन सुभद्रा के साथ तीन अलग-अलग रथों पर सवारी करके भ्रमण के लिए निकलते हैं। जिसमें वह अपने मंदिर से 3 किलोमीटर दूर अपनी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर में जाकर स्थापित किए जाते हैं। इस मंदिर के अंदर जगन्नाथ भगवान 7 दिनों तक आराम करते हैं। जिसके बाद उनकी वापसी होती ह। इस पूरी रथ यात्रा में बलभद्र का रथ सबसे आगे चलता है। वही सुभद्रा का रथ बीच में और सबसे पीछे भगवान जगन्नाथ का रथ चलता है। Jagannath Rath Yatra 2024

Rath yatra

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यात्रा पूरी होने के बाद कैसे होता है रथ इस्तेमाल Jagannath Rath Yatra 2024

एक बार रथ यात्रा के पूरे हो जाने के बाद इसके हिस्सों को अलग कर दिया जाता है। रथ के सबसे बड़े हिस्से को नीलामी के लिए श्री जगन्नाथ की वेबसाइट पर डाल दिया जाता है। रिपोर्ट्स के बारे में तो रथ का पहिया सबसे कीमती माना जाता है। जिसकी शुरुआत की कीमत 50 हजार है। इस चीज को खरीदने के लिए आवेदन किया जा सकता है। नीलामी की अलावा जो लकड़ियों को बच जाती है उन्हें मंदिर के रसोई में इस्तेमाल के लिए दे दिया जाता है

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