India News (इंडिया न्यूज), Kajari Teej: हिंदू धर्म में कजरी तीज का त्योहार सभी विवाहित महिलाओं और कुंवारी कन्याओं के लिए बहुत महत्व से भरा हुआ होता है। हर साल कजरी तीज का व्रत बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं, जबकि अविवाहित लड़कियां मनचाहा वर पाने के लिए व्रत रखती हैं। ताकि माता पार्वती की कृपा उन पर बनी रहे और जीवन में आ रही परेशानियां खत्म हो सकें।
- क्या है कजरी तीज?
- इस तरह से करें पूजा
कब है कजरी तीज
पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 21 अगस्त 2024 को शाम 5:06 बजे शुरू होगी और 22 अगस्त को दोपहर 1:46 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार इस साल कजरी तीज का व्रत 22 अगस्त दिन गुरुवार को रखा जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 04:26 बजे से 05:10 बजे तक रहेगा। चंद्रोदय 22 अगस्त को रात 8:20 बजे होगा।
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क्या है कजरी तीज की पूजा विधि?
- कजरी तीज के अवसर पर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- फिर पूजा की सभी सामग्री एकत्रित करें और व्रत का संकल्प लें।
- सबसे पहले चौकी स्थापित करें और उस पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं।
- फिर माता पार्वती और भगवान शिव की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
- भगवान शिव को बेलपत्र और धतूरा चढ़ाएं और माता पार्वती को सुहाग की सामग्री अर्पित करें।
- फिर धूपबत्ती और दीप आदि जलाएं और आरती करें और अंत में कथा पढ़ें।
कैसे करें पूजा की तैयारी?
कजरी तीज के अवसर पर मिट्टी और गाय के गोबर (घी, गुड़ से पाल बांधकर) से दीवार के सहारे एक छोटा सा तालाब बनाएं और उसमें नीम के पेड़ की टहनी डालें। तालाब में कच्चा दूध मिला पानी भरें और किनारे पर एक दीपक जलाएं। एक थाली में नींबू, खीरा, केला, सेब, सत्तू, रोली, मौली, अक्षत आदि रखें। एक छोटे बर्तन में कच्चा दूध लें।
शाम को महिलाएं सोलह श्रृंगार करके तीज माता की पूजा करें। सबसे पहले तीज माता पर जल छिड़कें। रोली छिड़कें और चावल चढ़ाएं। नीमड़ी माता के पीछे दीवार पर अपनी उंगली से मेहंदी, रोली और काजल की तेरह बिंदी लगाएं। मेहंदी और रोली की बिंदी अनामिका से और काजल की बिंदी तर्जनी से लगानी चाहिए। नीमड़ी माता को मौली चढ़ाएं। मेहंदी, काजल और वस्त्र (ओढ़नी) चढ़ाएं। दीवार पर लगाई गई बिंदी पर मेहंदी की मदद से लच्छा चिपकाएं। नीमड़ी को कुछ फल, सातू और दक्षिणा चढ़ाएं।
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इस तरह करें चंद्रदेव की पूजा
व्रत रखने वाली महिलाओं और लड़कियों को कजरी तीज पर चांद निकलने पर पूजा करनी चाहिए। इस दौरान अपने हाथ में चांदी की अंगूठी और गेहूं के कुछ दाने लेकर चंद्रदेव की पूजा करें। इसके बाद उन्हें अर्घ्य दें। पूजा संपन्न होने के बाद किसी सौभाग्यशाली स्त्री को सुहाग की वस्तुएं दान करें और उनसे आशीर्वाद लें। इससे उनकी मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होंगी।
कजरी तीज का महत्व
मान्यता है कि कजरी तीज व्रत रखने से विवाहित महिलाओं के पति की आयु लंबी होती है और अविवाहित लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है। इसके अलावा जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और आने वाले समय में सभी दुखों और दर्द से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि अविवाहित लड़कियां मनचाहा वर पाने के लिए कजरी तीज का व्रत रखती हैं। कजरी तीज के दिन वे पूरे दिन व्रत रखती हैं और शाम को चांद निकलने पर ही इस व्रत को खोलती हैं।
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