India News (इंडिया न्यूज़), Right Time To Worn Kalava: कलावा, जिसे मौली या रक्षासूत्र भी कहा जाता है, एक पवित्र धागा है जो आमतौर पर हिंदू धार्मिक अनुष्ठानों में कलाई पर बांधा जाता है। इससे हिन्दू धर्म की कई कनियाँ जुडी हुई हैं। मौली को लोग विभिन्न तरीको से परिभाषित करते हैं। अक्सर आपने इसे कई पूजा पाठो में बंधते हुए देखा होगा। साथ ही इसे बांधने का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। यह धागा भगवान की कृपा और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है।
कलावा को कितने दिनों तक पहनना चाहिए, इसके बारे में कोई सख्त नियम नहीं है, लेकिन कुछ सामान्य निर्देश और परंपराएँ हैं:
धार्मिक अनुष्ठान:
किसी विशेष पूजा या धार्मिक अनुष्ठान के बाद बांधा गया कलावा तब तक पहना जाता है जब तक कि वह स्वयं टूट न जाए या धागा घिस न जाए।
त्योहार और उपवास:
जैसे रक्षाबंधन, नवरात्रि, या किसी विशेष व्रत के दौरान बांधा गया कलावा आमतौर पर उस पर्व या उपवास की समाप्ति तक पहना जाता है।
शनिदेव की पत्नी ने ही उन्हें क्यों दिया था श्राप? वजह जान दंग रह जाएंगे आप!
विशेष संकल्प या कामना:
यदि किसी विशेष संकल्प या कामना के लिए कलावा बांधा गया है, तो वह संकल्प पूरा होने या कामना पूरी होने तक पहना जा सकता है।
आम धारणा यह है कि कलावा को तब तक पहना जाए जब तक वह स्वयं टूटकर गिर न जाए। यह संकेत माना जाता है कि भगवान की कृपा और सुरक्षा अब भी बनी हुई है। हालांकि, कुछ लोग धार्मिक अनुष्ठान या पर्व समाप्त होने के बाद स्वयं इसे खोल देते हैं। इसे खोलते समय, इसे पवित्र स्थान पर रखा जाता है या किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है।
सारांश में, कलावा पहनने की अवधि व्यक्ति की धार्मिक आस्था, परंपराओं और व्यक्तिगत संकल्पों पर निर्भर करती है।
कलावा धारण करने का सही समय:
धार्मिक अनुष्ठान और पूजा के समय:
पूजा और हवन के दौरान
व्रत या उपवास के प्रारंभ में
विशेष पूजा जैसे सत्यनारायण पूजा, रुद्राभिषेक आदि
त्योहारों के समय:
रक्षाबंधन पर
नवरात्रि के दौरान
मकर संक्रांति, जन्माष्टमी, शिवरात्रि आदि पर्वों पर
विशेष तिथि और मुहूर्त:
शुभ मुहूर्त में
पंचांग के अनुसार शुभ तिथि, वार, नक्षत्र
दैनिक कार्यों के पहले:
नया कार्य प्रारंभ करने से पहले, जैसे घर निर्माण या व्यापार की शुरुआत
सिग्नेचर के नीचे लगे डॉट्स खोल सकते हैं इंसान की पर्सनालिटी का राज, जानें कैसे?
विशेष अवसरों पर:
शादी, जन्मदिन, गृह प्रवेश आदि विशेष अवसरों पर
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।