धर्म

Kartik Purnima: आज है कार्तिक पूर्णिमा का पावन दिन, जानें क्या है इसका महत्व और पूजा विधि

India News (इंडिया न्यूज़), Kartik Purnima: कार्तिक पुर्णिमा का आज पावन दिन है। हिंदू पंचाग के अनुसार, कार्तिक मास साल का 8वां महीना होता है। इसके बाद 9वां महीना मार्गशीर्ष का होता है। साल भर में पंद्रह पुर्णिमा होती हैं, लेकिन पूर्णिमा पंद्रह पूर्णिमाओं में से कार्तिक पूर्णिमा सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। मान्यता है कि आज के दिन स्नान, व्रत और तप की दृष्टि से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा तिथि दोपहर 2:45 बजें तक रहेगी। आप इस शुभ तिथि के दौरान पूजन, स्नान-ध्यान, दान, जप तप कर सकते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर आज शिव योग रात 11 बजकर 39 मिनट तक रहेगा, इस दौरान आप स्नान कर सकते हैं।

क्या हैं कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु के अलावा शिव और कृष्ण की भक्ती की जाती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने की विशेष मान्यता है। भगवान विष्णु के भक्तों के लिए यह दिन इसलिए काफी खास है। मान्यता है कि  इसी दिन मत्स्य के रूप मे पहला अवतार लिया था। शिव के भक्तों के लिए यह दिन इसलिए महत्व रखता है क्योंकि शिवजी ने इस दिन त्रिपुरासुर असुर का वध किया था।

इस लिए मनाई जाती है कार्तिक पूर्णिमा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा पर गोलोक रासमण्डल में भगवान श्रीकृष्ण ने राधा जी की पूजा की थी। कार्तिक पूर्णिमा ब्रह्मांडों में सर्वोच्च लोक गोलोक में राधा उत्सव मनाया जाता है। इसके अलावा इस दिन देवी तुलसी ने पृथ्वी पर जन्म लिया था। इन सभी मान्यताओं के चलते कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाती है। कहा जाता है कि इस दिन राधा जी के दर्शन और पूजन करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

इस तरह करें पूजा

  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान श्रीहरि की पूजा होती है, इस दिन तुलसी के पत्ते अर्पित किये जाते हैं।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी के नीचे राधा कृष्ण की प्रतिमा रखकर उनकी पूजा करनी चाहिए।
  • अगर तुलसी न हो तो आप आंवले के पेड़ के नीचे भी आप पूजा कर सकते हैं।
  • इस दिन पूजा करने के लिए प्रतिमा के आगे दीपक जलाकर रखें और पूरे मन से उनका पूजन करें।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन व्रती महिला या पुरूष को पूजा से पहले अन्न,  चावल, गाजर, बैंगन, दाल, मांस, मदिरा आदि कुछ भी नहीं खाना चाहिए।
  • पूजा करने के बाद भगवान श्रीकृष्ण को उनका प्रिय भोग लगाएं और उसे प्रसाद के रूप में सभी को खिलाएं।

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Mudit Goswami

मुदित गोस्वामी, प्रयागराज से ताल्लुक रखते हैं. Delhi university से पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त कर Paigam.Network जैसी संगठन के साथ बतौर रिसर्चर और कॉन्टेक्ट राइटर काम कर चुके हैं. पत्रकारिता जगत में 3 से अधिक सालों के अनुभव के साथ इंडिया न्यूज़ में पॉलिटिक्स और धर्म से जुड़ी खबरें/स्टोरी लिखना पसंद करते हैं.

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