Karwa Chauth 2022: आज पूरे देश में करवा चौथ का त्यौहार मनाया जा रहा है। हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। सुहागिनों के लिए करवा चौथ का बहुत महत्व होता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जल व्रत रखती हैं। महिलाएं इस दिन सोलह श्रृंगार कर नए कपड़े पहन कर चांद की पूजा करती हैं। चांद निकलने के बाद उसके दर्शन करके अर्घ्य देकर सुहागिनें पति के हाथ से पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं। आइए करवा चौथ की पूजा विधि के बारे में जानते हैं।

करवा चौथ पूजा-विधि

  • करवा चौथ की सुबह सुहागिन महिलाएं उठकर सूर्योदय से पहले स्नान करके पूरे दिन व्रत रखने का संकल्प लें। जिसके बाद सास द्वारा दी गई सरगी का सेवन करें।
  • इस रस्म के बाद करवा चौथ का व्रत शुरू हो जाता है। जो सुहागिनें निर्जल व्रत न कर सके वह फल, जूस, दूध, दही और नारियल पानी ले सकती हैं।
  • व्रत के दिन महिलाएं शाम को लकड़ी की चौकी पर एक लाल रंग का वस्त्र बिछाएं। इस पर भगवान शिव और माता पार्वती, कार्तिकेय तथा भगवान गणेश जी की प्रतिमा या फिर फोटो को स्थापित करें।
  • जिसके बाद एक लोटे में जल भरकर उसके ऊपर कलावा बांध कर श्रीफल रखकर और दूसरा मिट्टी का करवा लेकर उसमें जल भरें। इस करवे के ढक्कन में शक्कर भर दें। जिसके बाद उस पर दक्षिणा रखें। करवे पर रोली से स्वास्तिक बनाएं।
  • इसके बाद भगवान पर धूप, दीप, अक्षत और पुष्प चढाकर पूजन करें। पूजा के उपरांत भक्तिपूर्वक हाथ में गेहूं के दाने लेकर चौथ माता की कथा का श्रवण और वाचन करें। जिसके बाद रात्रि में चंद्रमा निकलने पर चंद्रदेव को अर्ध्य देकर पति के हाथ से पानी पीकर बड़ों का आशीर्वाद लें।

करवा चौथ पूजा मुहूर्त

शाम 05 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर 07 बजकर 03 मिनट तक

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