India News (इंडिया न्यूज), Ketu Gochar 2025: वैदिक ज्योतिष में छाया ग्रह केतु का विशेष महत्व है। यह ग्रह वैराग्य, तंत्र, आध्यात्म और मोक्ष जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं का प्रतिनिधित्व करता है। अपनी धीमी गति के कारण, केतु को एक राशि से दूसरी राशि में जाने में लगभग 18 महीने का समय लगता है। इस लंबे समय के दौरान, केतु का प्रभाव गहन और स्थायी होता है। 18 मई 2025 को, वैदिक पंचांग के अनुसार, केतु सिंह राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश करेगा। इस गोचर का प्रभाव सभी राशियों पर अलग-अलग प्रकार से पडे़गा, लेकिन तीन राशियों के लिए यह विशेष रूप से अशुभ साबित हो सकता है।
केतु गोचर का अशुभ प्रभाव: प्रभावित राशियां
1. मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए यह गोचर जीवन के कई पहलुओं में चुनौतियां लेकर आएगा।
Ketu Gochar 2025: मई लागते ही एक नहीं बल्कि दो बार गोचर करेंगे केतु
पारिवारिक जीवन: परिवार में मतभेद और मनमुटाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसका असर मानसिक तनाव के रूप में सामने आएगा।
शिक्षा: छात्रों के लिए यह समय कठिन हो सकता है। परीक्षा में अपेक्षित परिणाम न मिलने की चिंता उन्हें डिप्रेशन की ओर धकेल सकती है।
आर्थिक स्थिति: प्रॉपर्टी से संबंधित कोई भी निर्णय इस समय नुकसानदायक हो सकता है।
स्वास्थ्य: उम्रदराज लोगों के लिए यह समय स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आ सकता है। यदि हेल्दी लाइफस्टाइल को नजरअंदाज किया गया, तो अस्पताल का रुख करना पड़ सकता है।
वैवाहिक जीवन: जीवनसाथी के साथ अनबन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। उनकी खामोशी और असहमति आपको मानसिक रूप से परेशान करेगी।
संपत्ति: यदि आप कोई संपत्ति बेचने या किराए पर देने की योजना बना रहे हैं, तो इस समय इससे बचना बेहतर रहेगा।
स्वास्थ्य: मानसिक तनाव के कारण स्वास्थ्य खराब हो सकता है। विशेषकर वृद्ध व्यक्तियों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
3. कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए भी यह गोचर परेशानी का सबब बन सकता है।
व्यापार और निवेश: इस अवधि में कोई भी निवेश या आर्थिक सौदा करने से बचें। कारोबारियों को घाटे का सामना करना पड़ सकता है।
नौकरी: नौकरीपेशा जातकों को जोखिम भरे फैसलों से बचना चाहिए। गलत निर्णय के कारण वित्तीय संकट उत्पन्न हो सकता है।
शिक्षा और बच्चों का भविष्य: छात्रों का पढ़ाई में मन नहीं लगेगा और वे गलत संगत में पड़ सकते हैं। मई माह में बच्चों का रिश्ता तय करना उचित नहीं रहेगा। आपके किसी गलत निर्णय का असर उनके पूरे जीवन पर पड़ सकता है।
मेष राशि: मानसिक शांति के लिए नियमित ध्यान और योग का अभ्यास करें। भगवान गणेश की पूजा करें और “गणपति अथर्वशीर्ष” का पाठ करें।
धनु राशि: अपने जीवनसाथी के साथ संवाद बनाए रखें। श्री विष्णु की पूजा करें और “विष्णु सहस्रनाम” का पाठ करें।
कुंभ राशि: निवेश और महत्वपूर्ण फैसले लेने से पहले ज्योतिषीय परामर्श लें। हनुमान जी की पूजा करें और “हनुमान चालीसा” का पाठ करें।
केतु का यह गोचर इन तीन राशियों के जातकों के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा, लेकिन धैर्य, सतर्कता और धार्मिक उपायों से इन परेशानियों को कम किया जा सकता है। इस समय अपनी जीवनशैली को सुधारें, परिवार और मित्रों का सहयोग लें, और धार्मिक क्रियाकलापों में भाग लें। इससे मानसिक और भावनात्मक संतुलन बना रहेगा।