India News (इंडिया न्यूज), Ketu Gochar 2025: 18 मई 2025 को केतु ग्रह ने सिंह राशि में गोचर किया, जो मेष से मीन तक की सभी राशियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल रहा है। यह गोचर लगभग 18 महीने तक रहेगा और प्रत्येक राशि पर अलग-अलग असर दिखाएगा। इससे पहले एस्ट्रो अरुण पंडित ने एक वीडियो जारी कर मेष से मीन तक की राशियों पर केतु के गोचर के प्रभाव और उपायों के बारे में बताया है। जिसके बारे में हम यहां आपको बता रहे हैं।
मेष राशि का केतु पंचम भाव में गोचर करेगा, जिससे शिक्षा, प्रेम और संतान संबंधित मामलों में ध्यान केंद्रित होगा। विद्यार्थियों के लिए यह समय उपयोगी हो सकता है, लेकिन प्रेम संबंधों में सूझ-बूझ से काम लेना आवश्यक है।
Ketu Gochar 2025
रोजाना “ॐ केतवे नमः” मंत्र का जाप करें। लाल मूंगा या पीला पुखराज रत्न पहनने से लाभ हो सकता है। मंगलवार को गेहूं, गुड़, तांबा या केसर का दान करें।
केतु द्वादश भाव में गोचर करेगा, जो खर्च, विदेश यात्रा और मानसिक विश्रांति से जुड़ा है। यह समय आत्मिक विकास और ध्यान-साधना के लिए उत्तम रहेगा, हालांकि आर्थिक मामलों में थोड़ी सतर्कता की जरूरत होगी।
“ॐ केतवे नमः” मंत्र का जाप करें। शनिवार को काले तिल, सरसों का तेल या नीला/काला वस्त्र दान करें। संतुलित आहार और नियमित ध्यान से मानसिक शांति बनाए रखें।
केतु लाभ भाव में गोचर करेगा, जिससे आकस्मिक धन लाभ और समाज में प्रतिष्ठा बढ़ सकती है। मित्रों से सहयोग मिलेगा और जीवन में कुछ रहस्यमय अनुभव भी हो सकते हैं।
“ॐ केतवे नमः” मंत्र का जाप करें। मंगलवार को गेहूं, गुड़, तांबा या केसर का दान करें। गायों या कुत्तों को भोजन कराएं।
केतु का गोचर दशम भाव में होगा, ये भाव सामाजिक प्रतिष्ठा औरकरियर से सम्बंधित है। अपने ऑफिस या कार्यालय में कुछ रहस्यमय कामों में समय बर्बाद कर सकते हैं, परन्तु शांति से काम करेंगे तो जीवन में खुशहाली आएगी।
“ॐ केतवे नमः” मंत्र का जाप करें। शनिवार को काले तिल, सरसों का तेल या नीला/काला वस्त्र दान करें। संतुलित आहार और नियमित ध्यान से मानसिक शांति बनाए रखें।
केतु लग्न भाव में गोचर करेगा, जिससे मानसिक विचलन और आत्मविश्लेषण की प्रवृत्ति बढ़ेगी। यह समय स्वयं को समझने और आंतरिक शांति पाने के लिए उपयुक्त है, परन्तु अहंकार और भ्रम से बचना जरूरी होगा।
“ॐ केतवे नमः” मंत्र का जाप करें। शनिवार को काले तिल, सरसों का तेल या नीला/काला वस्त्र दान करें। संतुलित आहार और नियमित ध्यान से मानसिक शांति बनाए रखें।
केतु लग्न भाव में गोचर करेगा, जिससे मानसिक विचलन और आत्मविश्लेषण की प्रवृत्ति बढ़ेगी। यह समय स्वयं को समझने और आंतरिक शांति पाने के लिए उपयुक्त है, परन्तु अहंकार और भ्रम से बचना जरूरी होगा।
“ॐ केतवे नमः” मंत्र का जाप करें। शनिवार को काले तिल, सरसों का तेल या नीला/काला वस्त्र दान करें। संतुलित आहार और नियमित ध्यान से मानसिक शांति बनाए रखें।
केतु लाभ भाव में गोचर करेगा, जिससे आकस्मिक धन लाभ और समाज में प्रतिष्ठा बढ़ सकती है। मित्रों से सहयोग मिलेगा और जीवन में कुछ रहस्यमय अनुभव भी हो सकते हैं।
“ॐ केतवे नमः” मंत्र का जाप करें। मंगलवार को गेहूं, गुड़, तांबा या केसर का दान करें। गायों या कुत्तों को भोजन कराएं।
केतु लाभ भाव में गोचर करेगा, जिससे आकस्मिक धन लाभ और समाज में प्रतिष्ठा बढ़ सकती है। मित्रों से सहयोग मिलेगा और जीवन में कुछ रहस्यमय अनुभव भी हो सकते हैं।
“ॐ केतवे नमः” मंत्र का जाप करें। मंगलवार को गेहूं, गुड़, तांबा या केसर का दान करें। गायों या कुत्तों को भोजन कराएं।
केतु दशम भाव में गोचर करेगा, जो करियर और सामाजिक प्रतिष्ठा से जुड़ा है। कार्यस्थल पर रहस्यमय गतिविधियों में उलझ सकते हैं, लेकिन धैर्य से काम लें तो यश की प्राप्ति संभव है।
“ॐ केतवे नमः” मंत्र का जाप करें। शनिवार को काले तिल, सरसों का तेल या नीला/काला वस्त्र दान करें। संतुलित आहार और नियमित ध्यान से मानसिक शांति बनाए रखें।
केतु लाभ भाव में गोचर करेगा, जिससे आकस्मिक धन लाभ और समाज में प्रतिष्ठा बढ़ सकती है। मित्रों से सहयोग मिलेगा और जीवन में कुछ रहस्यमय अनुभव भी हो सकते हैं।
“ॐ केतवे नमः” मंत्र का रोज़ 108 बार जाप करें।
केतु आपके सप्तम भाव (विवाह और साझेदारी) में गोचर करेगा, जिससे वैवाहिक जीवन और साझेदारी में असमंजस और भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यह समय आत्मनिरीक्षण और रिश्तों में स्पष्टता लाने का है।
रोजाना “ॐ केतवे नमः” मंत्र का जाप करें। शनिवार को काले तिल, सरसों का तेल या नीला/काला वस्त्र दान करें। संतुलित आहार और नियमित ध्यान से मानसिक शांति बनाए रखें।
केतु आपके द्वादश भाव (विदेश, खर्च और मानसिक शांति) में गोचर करेगा, जिससे विदेश यात्रा, खर्चों में वृद्धि और मानसिक तनाव की संभावना बढ़ सकती है। यह समय आत्मिक विकास और मानसिक शांति की ओर अग्रसर होने का है।
रोजाना “ॐ केतवे नमः” मंत्र का जाप करें। शनिवार को काले तिल, सरसों का तेल या नीला/काला वस्त्र दान करें। संतुलित आहार और नियमित ध्यान से मानसिक शांति बनाए रखें।