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Kharmas Kab Se Shuru Hai 14 दिसंबर 2021 से 14 जनवरी 2022 तक खरमास में नहीं होंगे मांगलिक कार्य

मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्
Kharmas Kab Se Shuru Hai  इस वर्ष 14 दिसंबर, 2021 से लेकर 14 जनवरी, 2022 तक खरमास लग रहा है। चतुर्मास की तरह खरमास में भी कोई मांगलिक यानी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं कर सकते हैं। खरमास समाप्त होने के बाद मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं।

क्यों खरमास में कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं ? (Kharmas Kab Se Shuru Hai)

खरमास के दिनों में सूर्यदेव धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं। इसके चलते बृहस्पति ग्रह का प्रभाव कम हो जाता है। वहीं, गुरु ग्रह को शुभ कार्यों का कारक माना जाता है। लड़कियों की शादी के कारक गुरु माने जाते हैं। गुरु कमजोर रहने से शादी में देर होती है। साथ ही रोजगार और कारोबार में भी बाधा आती है।

इसके चलते खरमास के दिनों में कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। विवाह के लिए शुक्र और गुरु दोनों का उदय होना आवश्यक है। यदि दोनों में से एक भी अस्त होगा तो मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। वर्ष 2022 में 23 फरवरी को गुरु अस्त होंगे और 26 मार्च को उदय होंगे। 6 जनवरी को शुक्र अस्त होंगे और 12 जनवरी को उदय होंगे।

इसके अलावा एक अक्तूबर को शुक्र अस्त होंगे और 25 नवंबर को उदय होंगे। इस कारण से सगाई, मुंडन, शादी, नामकरण, यज्ञोपवीत, गृहप्रवेश, आदि नहीं किए जाते। नए घर के निर्माण और नए व्यापार का आरंभ भी नहीं किया जाता है।

(Kharmas Kab Se Shuru Hai)

वर्ष 2021 के दिसंबर में अब विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। इनमें 11 और 13 हैं।
वर्ष-2022 में किस महीने, किस तारीख को हैं शादी के शुभ मुहूर्त-
जनवरी – 22, 23, 24 और 25
फरवरी – 5, 6, 7, 9,10, 18, 19 और 20
मार्च- मार्च में विवाह के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं
अप्रैल- 15,16, 19, 20, 21,22, 23, 24 और 27
मई- 2, 3, 4, 9, 10, 11,12, 16,17,18, 20, 21, 26, 27 और 31
जून- 1, 6, 8, 10,11,13, 20,21, 23 और 24
जुलाई-3, 4, 5, 6, 7, 8, 9,14,18,19, 20, 21, 23, 24, 25, 30 और 31
अगस्त- 1, 2, 3, 4, 5, 9, 10, 11,14, 15, 19, 20, 21, 28, 29, 30 और 31
सितंबर- 1, 4, 5, 6, 7, 8, 26 और 27
अक्तूबर- विवाह के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं
नवंबर – विवाह के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं
दिसंबर 2, 4, 7, 8, 9 और 14
क्या बिना मुहूर्त के भी विवाह किए जा सकते हैं? बिल्कुल किए जा सकते हैं और भारत में कई समुदायों में रविवार को विवाह संपन्न होते हैं। इसके पीछे अभिजित मुहूर्त की विशेष भूमिका है।

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अधिकांश लोग पौष मास में विवाह करना शुभ नहीं मानते। ऐसा भी हो सकता है कि दिसंबर मध्य से लेकर जनवरी मध्य तक उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ती है, धुंध के कारण आवागमन भी बाधित रहता है, और खुले आकाश के नीचे विवाह की कुछ रस्में निभाना, प्रतिकूल मौसम के कारण संभव नहीं होता, इसलिए 15 दिसंबर की पौष संक्रांति से लेकर 14 जनवरी की मकर संक्राति तक विवाह न किए जाने के निर्णय को ज्योतिष से जोड़ दिया गया हो।

(Kharmas Kab Se Shuru Hai)

कुछ समुदायों में ऐसे मुहूर्तो को दरकिनार रख कर रविवार को मध्यान्ह में लावां फेरे या पाणिग्रहण संस्कार करा दिया जाता है। इसके पीछे भी ज्योतिषीय कारण पार्श्व में छिपा होता है। हमारे सौर्यमंडल में सूर्य सबसे बड़ा ग्रह है जो पूरी पृथ्वी को ऊर्जा प्रदान करता है। यह दिन और दिनों की अपेक्षा अधिक शुभ माना गया है।

इसके अलावा हर दिन ठीक 12 बजे, अभिजित मुहूर्त चल रहा होता है। भगवान राम का जन्म भी इसी मुहूर्त काल में हुआ था। जैसा इस मुहूर्त के नाम से ही सपष्ट है कि जिसे जीता न जा सके अर्थात ऐसे समय में हम जो कार्य आरंभ करते हैं , उसमें विजय प्राप्ति होती है, ऐसे में, पाणिग्रहण संस्कार में शुभता रहती है।

(Kharmas Kab Se Shuru Hai)

कुछ लोगों को भ्रांति है कि रविवार को अवकाश होता है, इसलिए विवाह इतवार को रखे जाते हैं। ऐसा नहीं है। भारत में ही छावनियों तथा कई नगरों में रविवार की बजाय , सोमवार को छुट्ी होती है और कई स्थानों पर गुरु या शुक्रवार को ।

रविवार को ही सार्वजनिक अवकाश क्यों (Kharmas Kab Se Shuru Hai)

साल 1890 से पहले ऐसी व्यवस्था नहीं थी। साल 1890 में 10 जून वो दिन था जब रविवार को साप्ताहिक अवकाश के रूप में चुना गया।

खरमास में इन नियमों का ध्यान रखें (Kharmas Kab Se Shuru Hai)

1. खरमास का महीना दान और पुण्य महीना होता है. मान्यता है कि इस माह में बिना किसी स्वार्थ के किए गए दान का अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। इसलिए खरमास के महीने में जितना संभव हो, जरूरतमंदों को दान करना चाहिए।
2. ये महीना भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की विशेष पूजा का माह होता है. ऐसे में आप नियमित रूप से गीता का पाठ करें। विष्णु सहस्त्रनाम पढ़ें और श्रीकृष्ण और विष्णु भगवान के मंत्रों का जाप करें।
3. खरमास में तुलसी की पूजा करना से लाभ मिलता है. शाम के समय में तुलसी के पेड़ के सामने घी का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से आपके जीवन की परेशानियां कम होती है।

(Kharmas Kab Se Shuru Hai)

4. खरमास के दौरान रोजाना सुबह सूर्योदय से पूर्व उठना चाहिए और सूर्य को जल देना चाहिए। मान्यता है कि इस दौरान सूर्य देव कमजोर होते हैं। ऐसे में उनकी पूजा करना शुभ माना जाता है।
5. खरमास के महीने में गौ सेवा का विशेष महत्व है। इस दौरान गायों का पूजन करें। उन्हें हल्दी का तिलक लगाकर गुड़-चना खिलाएं। हरा चारा खिलाएं। इससे श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

(Kharmas Kab Se Shuru Hai)

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Mukta

Sub-Editor at India News, 7 years work experience in punjab kesari as a sub editor, I love my work and like to work honestly

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