इंडिया न्यूज़: (Baisakhi 2023 Important Things) खुशियों और समृद्धि का कृषि पर्व बैसाखी 14 अप्रैल यानी कल मनाया जाएगा। सिख समुदाय के लोग बैसाखी को नए साल के रूप में मनाते हैं। बता दें कि इस दिन लोग अनाज की विधिवत पूजा कर ईश्वर को धन्यवाद देते हैं। इसके पश्चात दोस्तों, रिश्तेदारों और करीबियों के साथ मिलकर खुशियां मनाते हैं। साथ ही मिठाइयां बांटकर एक दूसरे का मुंह मीठा करते हैं।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, बैसाखी के दिन ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की है। बैसाखी पर्व का विशेष महत्व है। तो यहां जानिए खुशियों और समृद्धि के पर्व बैसाखी से जुड़ी रोचक और महत्वपूर्ण बातें।
बैसाखी से जुड़ी रोचक और महत्वपूर्ण बातें
- इतिहास के अनुसार बताया जाता है कि बैसाखी के दिन सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। 13 अप्रैल, 1699 को खालसा पंथ की स्थापना आनंदपुर साहिब की एक बैठक में गुरु गोविंद सिंह ने की थी।
- इतिहास के पन्नों को पलटने से पता चलता है कि सन 1875 में बैसाखी के दिन ही स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की थी। इसके लिए यह दिन विशेष है। आर्य समाज के लोग भी बैसाखी के दिन उत्सव मनाते हैं।
- बैसाखी को ‘धन्यवाद दिवस’ भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि बैसाखी के दिन पंजाब और हरियाणा समेत देशभर के किसान ईश्वर से प्रार्थना कर उन्हें धन्यवाद देते हैं। साथ ही समस्त जगत के कल्याण हेतु प्रार्थना करते हैं।
- बैसाखी के दिन असम में बिहू, बंगाल में पोइला बोइसाख, बिहार में सत्तूआन, तमिलनाडु में पुथांडु और केरल में विशु मनाया जाता है। इसके लिए बैसाखी के दिन देशभर में उत्साह और उमंग का माहौल रहता है। लोग हर्षोल्लास के साथ बैसाखी का पर्व मनाते हैं।
- बैसाखी के दिन ही जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था। इतिहासकारों की मानें तो 13 अप्रैल, 1919 को बैसाखी के दिन जश्न मना रहे लोगों पर जनरल डायर ने गोलियां चलवा दी थी। इस हमले में सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी।
- धार्मिक मान्यता है कि बैसाखी के दिन मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुईं। गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के समस्त पाप कट जाते हैं। आसान शब्दों में व्यक्ति पाप मुक्त हो जाता है। अतः बैसाखी का दिन बेहद शुभ है।
- सनातन धर्म में सौर वर्ष की शुरुआत सूर्यदेव के मेष राशि में प्रवेश करने से होती है। इस वर्ष बैसाखी के दिन सूर्य मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे। अतः बैसाखी के दिन मेष संक्रांति मनाई जाएगी।