Diwali 2022, Secrets of Goddess Lakshmi: आज देशभर में बड़ी धूमधाम के साथ दिवाली पर्व मनाया जा रहा है। बता दें कि इस पर्व पर लोग पूजा-पाठ करते हैं, भगवान से सुखद जीवन की कामना भी करते हैं। शास्त्रों में भी इस विशेष पर्व के विषय में विस्तार से बताया गया है। इस विशेष अवसर पर माता लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। वेद-पुराणों में माता लक्ष्मी को धन की देवी वर्णित किया गया है। दिवाली के दिन माता लक्ष्मी की आराधना करने से भक्तों को धन, ऐश्वर्य, भाग्य इन सभी की प्राप्ती होती है। किवदंतियों के अनुसार माता लक्ष्मी का जन्म समुद्र मंथन से हुआ था। यहां हम आपको बताते हैं धन की देवी माता लक्ष्मी के विषय में कुछ और रोचक बातें।

माता लक्ष्मी के वाहन

कई बार घर में लाए गए माता लक्ष्मी के चित्रों में आपने उनके वाहन के रूप में उल्लू को देखा होगा। लेकिन कई धर्म-ग्रंथों में उनके वाहन के रूप में हाथी को उल्लेखित किया गया है। शास्त्रों में माता को कृषि का प्रतीक माना गया है और हाथी वर्षा का प्रतीक है।

भगवान गणेश हैं उनके दत्तक पुत्र

आपको बता दें कि जब भगवान विष्णु ने माता लक्ष्मी के अहम को तोड़ने के लिए उन्हें ये कहा था कि नारीत्व तभी सफल होता है जब मातृत्व में सफलता हासिल होती है। इस बात से दुखी माता लक्ष्मी ने जगत जननी मां पार्वती को अपनी पीड़ा सुनाई तो उन्होंने अपने पुत्र गणेश जी को उन्हें दत्तक पुत्र के रूप में सौंप दिया। तब से दिवाली के दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की उपासना भी की जाने लगी।

माता लक्ष्मी के आठ अवतार

शास्त्रों में इस बात का वर्णन मिलता है कि माता लक्ष्मी के आठ स्वरूप हैं, जो प्रत्येक लोकों में निवास करती हैं। वो अवतार हैं महालक्ष्मी, स्वर्गलक्ष्मी, राधाजी, दक्षिणा, गृहलक्ष्मी, शोभा, सुरभि (रुक्मणी) और राजलक्ष्मी (सीता)।

माता लक्ष्मी के 8 विशेष रूप

शास्त्रों के अनुसार माता लक्ष्मी के आठ विशेष रूप हैं, जिन्हें अष्टलक्ष्मी के रूप में जाना जाता है। वो 8 विशेष रूप आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी।