India News (इंडिया न्यूज), Reason of Shri Krishna Death: महाभारत का जिक्र जब भी होता है तो हमारे दिमाग में महायुद्ध का ख्याल आता है। और महाभारत से जुड़ी विभिन्न कथाएं भी हैं जिनका जिक्र अक्सर किया जाता है और कई ऐसी कहानियां हैं जिनके बारे ज्यादातर लोग नही जानते हैं। आज हम महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण की मृत्यु से जूड़ी कहानी को जानेंगे। भगवान कृष्ण ने पांडव पक्ष की ओर से अर्जुन के सारथी के रूप में महाभारत का युद्ध लड़ा था, लेकिन उनकी सेना कौरवों की ओर से लड़ी थी। महाभारत युद्ध में बुराई के पक्ष में लड़ रहे कौरवों को अपनी पूरी सेना देने के पीछे कृष्ण के पास एक विशेष कारण था, जो उनके पुत्र से संबंधित है।
महाभारत युद्ध में बुराई के पक्ष में लड़ रहे कौरवों को अपनी पूरी सेना देने के पीछे कृष्ण के पास एक विशेष कारण था, जो उनके पुत्र से संबंधित है।
- साम्ब के साथ क्यों चली गईं लक्ष्मणा
- जब दुवंशियों ने साम्ब को स्त्रियों के वस्त्र पहनाए
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साम्ब के साथ क्यों चली गईं लक्ष्मणा
साम्ब और लक्ष्मणा ने हस्तिनापुर में कई बार एक दूसरे को देखा था और दोनों एक दूसरे को पसंद करते थे। जब दुर्योधन ने लक्ष्मणा का स्वयंवर आयोजित किया तो साम्ब वहां पहुंचा और उसे अपने साथ चलने को कहा। लक्ष्मणा उसके साथ चली गईं। साम्ब के इस कृत्य से दुर्योधन बहुत क्रोधित हुआ। दुर्योधन ने कर्ण आदि योद्धाओं के साथ कौरव सेना भेजी और रास्ते में उन्हें पकड़ लिया। साम्ब के पकड़े जाने की खबर मिलते ही उसके चाचा बलराम हस्तिनापुर पहुंचे, जिनसे दुर्योधन ने गदा युद्ध की शिक्षा ली थी, इसलिए वह उन्हें अपना गुरु मानता था।
बलराम की सलाह पर दुर्योधन ने साम्ब का विवाह लक्ष्मणा से करवा दिया। इससे श्रीकृष्ण और दुर्योधन रिश्तेदार बन गए। साम्ब का एक मजाक आगे चलकर पूरे यदुवंश के नाश का कारण बना, जिसके कारण स्वयं श्रीकृष्ण बाण से मारे गए।
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जब दुवंशियों ने साम्ब को स्त्रियों के वस्त्र पहनाए
महाभारत युद्ध के 36 वर्ष बाद विश्वामित्र, दुर्वासा, वशिष्ठ जैसे महर्षि द्वारका के पिंडारक क्षेत्र में पहुंच चुके थे। यदुवंशियों ने उनसे एक मजाक करने की सोची। सारण जैसे यदुवंशियों ने साम्ब को स्त्रियों के वस्त्र पहनाए, उसके पेट पर मूसल बांधा और उसका चेहरा ढक दिया और उन्हे महर्षियों के पास ले गए और उनके बच्चे के बारे में पूछा। साम्ब को पहचान कर ऋषि इस मजाक पर क्रोधित हो गए और क्रोध में उसे श्राप दे दिया कि साम्ब के पेट से एक मूसल पैदा होगा, जो यादव वंश का नाश कर देगा।
महाभारत के मौसूल पर्व में बताया गया है कि दरअसल साम्ब के पेट से एक मूसल पैदा हुआ था, जिसे कुचल कर समुद्र में फेंक दिया गया। कुचला हुआ मूसल एक मछली के पेट में चला गया, जो किनारे पर अटक गई और उसके शरीर से ऐरक घास उग कर वहां फैल गई।
किसी बात पर आपस में लड़ते-झगड़ते यदुवंशी समुद्र तट पर पहुंच गए। यदुवंशीयों के हाथ में आते ही ऐरक घास अचानक लोहे के मूसल में बदल जाती थी, जिसके एक वार से सामने वाला यादव मर जाता था। मछली के पेट से यह चूर्ण भी एक भील को मिला, जिसने इसका एक तीर बनाया। यह तीर पेड़ के नीचे आराम कर रहे श्री कृष्ण के पैर में लगा और उनकी मृत्यु हो गई।