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Lal Bahadur Shastri Jayanti 2021 : ऐसे थे शास्त्री जी, जेब से भरते थे सरकारी मकान का बिजली बिल

Lal Bahadur Shastri Jayanti 2021 : हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी लाल बहादुर शास्त्री जी को साल 1963 में कामराज योजना के तहत नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था। उस समय वह भारत के गृहमंत्री थे। पत्रकार दिवंगत कुलदीप नैयर ने अपनी एक किताब में शास्त्री से मुलाकात का जिक्र करते हुए लिखा है उस शाम मैं शास्त्री के घर पर गया। पूरे घर में ड्राइंग रूम को छोड़कर हर जगह अंधेरा छाया हुआ था। शास्त्री वहां अकेले बैठे अखबार पढ़ रहे थे। मैंने उनसे पूछा कि बाहर बत्ती क्यों नहीं जल रही है? शास्त्री ने जवाब में कहा कि अब उन्हें इस घर का बिजली का बिल अपनी जेब से देना पड़ेगा। इसलिए वह हर कमरे में बत्ती जलाना बर्दाश्त नहीं कर सकते। शास्त्री को सांसद की तनख्वाह के 500 रुपये के मासिक वेतन में अपने परिवार का खर्च चलाना मुश्किल पड़ रहा था।

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अखबार में लिखकर चलाते थे परिवार का खर्च (Lal Bahadur Shastri Jayanti 2021)

कुलदीप नैयर लिखते हैं कि मैंने शास्त्री को अखबारों में लिखने के लिए मना लिया था। मैंने उनके लिए एक सिंडिकेट सेवा शुरू की, जिसकी वजह से उनके लेख कई समाचार पत्रों में छपने लगे। हर अखबार उन्हें एक लेख के 500 रुपये देता था। इस तरह उनकी 2000 रुपये की अतिरिक्त कमाई होने लगी। मुझे याद है कि उन्होंने पहला लेख जवाहरलाल नेहरू और दूसरा लेख लाला लाजपत राय पर लिखा था।

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अपने हाथ से पिलाते थे चाय (Lal Bahadur Shastri Jayanti 2021)

Former Prime Minister Lal Bahadur Shastri के निजी सचिव रहे सीपी श्रीवास्तव उनकी जीवनी Former Prime Minister Lal Bahadur Shastri  लाइफ आफ ट्रूथ इन पॉलिटिक्स में लिखते हैं कि शास्त्री की आदत थी कि वो अपने हाथ से पॉट से प्याली में हमारे लिए चाय सर्व करते थे। उनका कहना था कि चूंकि ये उनका कमरा है, इसलिए प्याली में चाय डालने का हक उनका बनता है। कभी-कभी वह बातें करते हुए अपनी कुर्सी से उठ खड़े होते थे और कमरे में चहलकदमी करते हुए हमसे बातें करते थे। कभी-कभी कमरे में अधिक रोशनी की जरूरत नहीं होती थी। शास्त्री अक्सर खुद जाकर बत्ती का स्विच आॅफ करते थे। उनको ये मंजूर नहीं था कि सार्वजनिक धन की किसी भी तरह बबार्दी हो।

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Sunita

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