India News (इंडिया न्यूज), Mahabharatउत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में एक प्राचीन मंदिर स्थित है। इस मंदिर को लेहड़ा माता मंदिर और लेहड़ा मंदिर के नाम से जाना जाता है। मंदिर में भक्तों की भीड़ देखकर इस मंदिर का महत्व समझा जा सकता है। मान्यता है कि इस मंदिर का संबंध महाभारत के पांचों पांडवों से है। इस मंदिर में दर्शन और धार्मिक अनुष्ठान के लिए महाराजगंज जिले से ही नहीं बल्कि दूर-दूर से लोग आते हैं।

महाभारत के पांडवों को बनाया था विजयी

लेहड़ा मंदिर के उत्तराधिकारी ओमप्रकाश पांडेय ने बताया कि इस मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। वैसे तो मंदिर 200 साल पुराना है, लेकिन मंदिर में मौजूद पिंड महाभारत के समय से ही मौजूद है। उन्होंने बताया कि महाभारत में भी इस स्थान का उल्लेख आद्रवन के नाम से मिलता है। वनवास के दौरान पांडव भी यहां आए थे और माताजी ने उन्हें दर्शन दिए थे। माताजी ने पांडवों को युद्ध में विजय का आशीर्वाद दिया था और पांडवों की जीत भी हुई थी। उन्होंने बताया कि इस मंदिर की कई अलग-अलग कहानियां हैं।

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नवरात्रि के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ होती है। मंदिर के उत्तराधिकारी ने बताया कि पहले चैत्र में रामनवमी के दिन यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते थे और मेला भी लगता था। वर्तमान में पूरे नवरात्रि में यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और 9 दिनों तक विशाल मेला चलता है। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की संख्या काफी अधिक रहती है। मंदिर परिसर भी काफी बड़ा है, जिसके कारण कोई भी अनुष्ठान सुविधापूर्वक संपन्न हो जाता है।’

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