India News (इंडिया न्यूज), Janmashtmi Puja Bhog & Prashad: जन्माष्टमी, भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का पावन पर्व, विशेष श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर भगवान कृष्ण को विशेष भोग अर्पित किए जाते हैं, जिनके माध्यम से भक्त अपनी भक्ति और प्रेम का प्रदर्शन करते हैं। मान्यता है कि ये भोग भगवान कृष्ण को अत्यंत प्रिय होते हैं और इनका अर्पण करने से हर मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं श्री कृष्ण को अर्पित किए जाने वाले पांच मुख्य भोग और उनकी विशेषताएं:
माखन (मक्खन) भगवान श्री कृष्ण के प्रिय भोगों में से एक है, विशेष रूप से उनके बचपन की लीलाओं से जुड़े होने के कारण। माखन और मिश्री (चीनी) का संयोजन अत्यंत स्वादिष्ट होता है और भगवान कृष्ण को इसे अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है। यह भोग दर्शाता है भगवान कृष्ण की सरलता और उनके बचपन की मिठास को।
विशेषता: माखन और मिश्री के संयोजन से भगवान कृष्ण को मिठास और आनंद का अनुभव होता है। इसे अर्पित करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होने की मान्यता है।
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पंजीरी एक स्वादिष्ट मिठाई है, जो सूजी, घी, मेवे और चीनी से बनाई जाती है। यह भोग जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण को अर्पित किया जाता है और इसका सेवन भक्तों को दिव्य आशीर्वाद और संतोष प्रदान करता है।
विशेषता: पंजीरी का पौराणिक महत्व है और यह शक्ति, समृद्धि और भक्ति का प्रतीक है। इसे अर्पित करने से मानसिक शांति और सुख की प्राप्ति होती है।
खीर भगवान कृष्ण को प्रिय मिठाइयों में से एक है, जो चावल, दूध, चीनी, और मेवे से बनाई जाती है। खीर का निर्माण भगवान कृष्ण के बचपन में उनकी पसंदीदा मिठाई के रूप में किया जाता था।
विशेषता: खीर की मिठास और पौष्टिकता भगवान कृष्ण के प्रति भक्तों की भक्ति को दर्शाती है। इसे अर्पित करने से समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है।
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परोठे भी श्री कृष्ण को अर्पित किए जाने वाले मुख्य भोगों में शामिल हैं। विशेष रूप से चने की दाल से बनाए गए पराठे भगवान कृष्ण की भक्ति और उनके प्रिय खाद्य पदार्थों का हिस्सा हैं।
विशेषता: पराठे, विशेष रूप से चने की दाल के साथ, भगवान कृष्ण के भोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। इन्हें अर्पित करने से जीवन में समृद्धि और खुशहाली की प्राप्ति होती है।
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फल, जैसे केले, सेब, अंगूर, और अनार, भगवान कृष्ण को अर्पित किए जाने वाले भोग में प्रमुख हैं। इन फलों को स्वच्छता और शुद्धता के प्रतीक के रूप में माना जाता है।
विशेषता: फलों का अर्पण भगवान कृष्ण के प्रति श्रद्धा और समर्पण को प्रकट करता है। इसे अर्पित करने से भौतिक और आध्यात्मिक लाभ की प्राप्ति होती है।
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