India News (इंडिया न्यूज), Shivlinga Pooja Vidhi: साल का सबसे पवित्र महीना सावन! कहते हैं यूँ तो भगवान शिव इतने भोले हैं कि अगर कोई सच्चे मन से उनके सामने हाथ जोड़कर भी खड़ा हो जाये तो वो उस व्यक्ति की लाखों मुराद पूरी कर देते हैं। लेकिन वही इस महीने में खासतौर पर माना जाता हैं कि भगवान शिव की पूजा अनुष्ठान करने मात्र से भी आपकी सालो से रुकी हुई इच्छाओ के भी बाबा दरबार खोल देते हैं लेकिन इस अनुष्ठान के भी ध्यान रखें कुछ नियम, कायदे, कानून होते हैं जिनमे जरा सी गलती मात्र से वही शिव भगवान आपसे रुष्ट भी हो सकते हैं।

शिवलिंग की पूजा एक विशेष महत्व रखती है और इसे सही ढंग से करना आवश्यक है, ताकि भगवान शिव और शिवपरिवार का आशीर्वाद प्राप्त हो सके। अधूरी पूजा करने से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं और वांछित फल प्राप्त करने में बाधाएँ आ सकती हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं जो आपको शिवलिंग की पूजा को सही ढंग से करने में मदद करेंगे:

1. पूजा की तैयारी:

  • स्वच्छता: पूजा से पहले अच्छी तरह से स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थल को भी स्वच्छ रखें।
  • साधना और मन की स्थिति: पूजा करते समय मन को शांत और एकाग्र रखें। भगवान शिव की पूजा में ध्यान और समर्पण महत्वपूर्ण होते हैं।

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2. शिवलिंग की सही पूजा विधि:

  • प्रणाम और नमन: पूजा के आरंभ में भगवान शिव को प्रणाम करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करें।
  • शिवलिंग की सफाई: शिवलिंग को सबसे पहले शुद्ध जल से स्नान कराएं। दूध, दही, शहद, और घी का अभिषेक भी करें।
  • वस्त्र और फूल: शिवलिंग को चंदन, अक्षत (चिउड़े), और फूल अर्पित करें। श्वेत और पीले फूल विशेष रूप से प्रिय होते हैं।
  • धूप और दीप: पूजा के दौरान धूप और दीप जलाएं। यह पूजा की एक महत्वपूर्ण विधि है और भगवान शिव को प्रिय है।
  • अर्चना: भगवान शिव के 108 नामों का जाप करें या उन्हें नियमित रूप से विशेष मंत्र (जैसे “ॐ नमः शिवाय”) अर्पित करें।
  • प्रसाद: पूजा के बाद प्रसाद (विभिन्न खाद्य पदार्थ जैसे फल, मिठाई) अर्पित करें और उसे स्वयं भी ग्रहण करें।

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3. सावधानियाँ:

  • संबंधित वस्त्र: पूजा के दौरान रेशमी वस्त्र पहनना अच्छा होता है, लेकिन सामान्य वस्त्र भी स्वीकार्य हैं यदि वे स्वच्छ और साफ हों।
  • अधूरी पूजा से बचाव: शिवलिंग की पूजा में किसी भी चरण को अधूरा न छोड़ें। यदि आप किसी विधि को पूरी तरह से नहीं कर पा रहे हैं, तो समर्पण और विश्वास के साथ पूजा करें।
  • रात्रि पूजा: शिवरात्रि विशेष रूप से शिव पूजा के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन विशेष पूजा और व्रत का आयोजन करें।

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4. आशीर्वाद की प्राप्ति:

  • सच्ची श्रद्धा और भक्ति: भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सच्ची श्रद्धा और भक्ति आवश्यक है। आस्था और समर्पण ही पूजा की वास्तविक शक्ति हैं।
  • दूसरों की सहायता: भगवान शिव की पूजा में समाज और अन्य लोगों की भलाई के लिए प्रार्थना भी करें। यह न केवल आपकी पूजा को पूर्ण करता है, बल्कि आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भी लाता है।

अधूरी पूजा की भूल से बचने के लिए इन बिंदुओं पर ध्यान दें और पूर्ण समर्पण के साथ भगवान शिव की पूजा करें। ऐसा करने से न केवल आपकी पूजा पूरी होगी, बल्कि भगवान शिव और शिवपरिवार का आशीर्वाद आपके जीवन में प्रसन्नता और सफलता लाएगा।

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Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।