होम / अयोध्या पहुंचे शालिग्राम से बनेगी भगवान श्रीराम की मूर्ति, जाने क्या हैं शालिग्राम, महत्व और इनकी कथा

अयोध्या पहुंचे शालिग्राम से बनेगी भगवान श्रीराम की मूर्ति, जाने क्या हैं शालिग्राम, महत्व और इनकी कथा

Nishika Shrivastava • LAST UPDATED : February 4, 2023, 5:06 pm IST

Shaligram Reach Ayodhya For Lord Ram Idol: अयोध्या में भगवान श्रीराम की मूर्ति बनाने के लिए शालिग्राम की दो बड़ी शिलाएं नेपाल से लाई गईं हैं। बता दें कि इन शिलाओं से भगवान श्रीराम के बालस्वरूप की मूर्तियां बनाई जाएंगी। जी हां, इस वजह से इस समय शालिग्राम चर्चा के केंद्र में है। आपको पता होगा कि तुलसी विवाह के दिन तुलसी का शालिग्राम के साथ विवाह कराया जाता है, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं कि शालिग्राम क्या है और इसका धार्मिक महत्व क्या है?

क्या है शालिग्राम?

आपको बता दे कि शालिग्राम काले रंग का एक पत्थर है, जिसकी पूजा की जाती है। इसमें भगवान श्रीहरि विष्णु का वास होता है। भगवान विष्णु ने कार्तिक शुक्ल एकादशी को शालिग्राम स्वरूप धारण किया था और वृंदा उस​ तिथि को तुलसी के रूप में उत्पन्न हुई थी। शालिग्राम को भगवान विष्णु के अवतारों में से एक माना जाता है। शालिग्राम नेपाल के गंडकी नदी में पाया जाता है।

शालिग्राम पूजा का महत्व

  • शालिग्राम और तुलसी का विवाह कराने से विवाह में होने वाली देरी खत्म होती है। जल्द विवाह का योग बनता है।
  • शालिग्राम की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • विष्णु पुराण के अनुसार, जिस घर में शालिग्राम की पूजा होती है, वो तीर्थ के समान माना जाता है।
  • देवउठनी एकादशी के दिन शालिग्राम और तुलसी का विवाह कराने से दांपत्य जीवन मधुर होता है। अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

शालिग्राम की कथा

दैत्यराज जलंधर और भगवान शिव में भयंकर युद्ध हो रहा था। लेकिन जलंधर का अंत नहीं हो रहा था। तब देवताओं को पता चला कि उसकी पत्नी वृंदा के पतिव्रता धर्म के पुण्य फल से जलंधर को शक्ति मिल रही थी। तब भगवान विष्णु जलंधर का रूप धारण करके वृंदा के पास चले गए। इससे वृंदा का पतिव्रता धर्म भंग हो गया। जिसके बाद उस युद्ध में जलंधर मारा गया।

वृंदा विष्णु भक्त थी, लेकिन जब उसे पता चला कि भगवान विष्णु ने ही उससे छल किया है तो उसने श्रीहरि को पत्थर बन जाने का श्राप दे दिया और स्वयं के जीवन को समाप्त कर लिया। तब भगवान ने उसके श्राप को स्वीकार कर लिया और वो शालिग्राम बन गए। उन्होंने वृंदा को पौधे के रुप में छाया देने का आशीर्वाद दिया, जिसके फलस्वरूप वृंदा की तुलसी के पौधे के रूप में उत्पत्ति हुई।

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.