India News (इंडिया न्यूज), Lunar Eclipse 2023: शरद पूर्णिमा के मौके पर साल का आखिरी चंद्र ग्रहण शनिवार 28 अक्टूबर को रात 11 बजकर 31 मिनट पर आंशिक रूप से शुरू हुआ था। मालूम हो कि यह ग्रहण पूर्ण नहीं बल्कि आंशिक था। भारत में ये ग्रहण लोगों को रात 1:05 बजे के बाद ही देख पाए। इस ग्रहण का सूतक शनिवार को शाम 4: 05 मिनट से शुरू हो गया था।
बता दें कि ग्रहण का काल ऐसा होता है कि मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। इसके अलावा ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ भी मना की जाती है। मान्यता है कि अगर कोई पाठ-पूजा करना चाहता है, तो ग्रहण के दौरान किसी भी भगवान की मूर्ति को न छूने की सलाह दी जाती है। ग्रहण काल में देवी-देवताओं के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
07:20 बजे ये ग्रहण भारत में चंद्र ग्रहण का नजारा आंशिक रहा, क्योंकि यह पूर्ण ग्रहण नहीं है। इसी वजह से साल के आखिरी ग्रहण को खंडग्रास चंद्र ग्रहण कहा गया है। खंडग्रास ग्रहण उस समय पड़ता है, जब पृथ्वी की छाया पूरे चंद्रमा पर नहीं बल्कि, कुछ हिस्से पर ही पड़ती है। खंडग्रास चंद्र ग्रहण का धार्मिक महत्व भी है, इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल मान्य होता है।
वास्तु के अनुसार, जब चंद्र ग्रहण खत्म हो तो घर में बने मंदिर वाले स्थान की अच्छी तरह से साफ कर लें। साथ ही गंगाजल का छिड़काव कर दें। इसके बाद भगवान को नए वस्त्र धारण करवाकर मंदिर की सजावट कर दें। भगवान के पुराने वस्त्रों को नदी में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपनी कृपा बरसाती हैं।
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