India News (इंडिया न्यूज़), Maa Annapurna Mandir Kashi: शंकर की नगरी काशी में भगवान भोलेनाथ के भक्त उनके आशीर्वाद को पाने के लिए आते हैं। वही शक्ति स्वरूप मां जगदंबा अन्न धर्म के भंडार को भी भर्ती है। बाबा विश्वनाथ के प्रांगण में विराजमान मां अन्नपूर्णा अपने भक्तों की हर मनोकामना को पूरा करती है। यही वजह है कि धनतेरस से लेकर अन्नकूट तक मां के दरबार में भक्तों की भारी भीड़ लगती है। वही अन्नपूर्णा माता का ही मंदिर इस लिए इतना खास है आज की इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे।
- अन्नपूर्णा माता के इसस मंदिर का खास है महत्व
- प्रसाद के लिए 24 घंटे पहले ही लगती है लाइन
श्री यंत्र के आकार का है मंदिर
बता दें की अन्नपूर्णा माता का यह मंदिर इकलौता ऐसा मंदिर है जो श्री यंत्र के आकार का है। श्री यंत्र में विराजमान माता अपने भक्तों और श्रद्धालुओं की अपनी कृपा बरसती हैं। वही बता दे कि मंदिर के कानों को जोड़ने से श्री यंत्र अपने आप बन जाता है। ऐसे में यहां तक मन को स्वयंसिद्ध भी कहा जाता है। Maa Annapurna Mandir Kashi
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भगवान शिव ने मांग थी भिक्षा
पुराणों में यह मानता भी उल्लेखित की गई है कि भगवान शिव ने स्वयं माता अन्नपूर्णा से अन्न की भिक्षा मांगी थी। ऐसे में मंदिर प्रांगण में स्वर्ण स्वरूप के सामने भिक्षा मांगते हैं भगवान शिव की चांदी के प्रतिमा भी मौजूद है, जो भीड़ को अपनी तरफ खींचती है।
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माता के प्रसाद का खास है महत्व Maa Annapurna Mandir Kashi
इसके साथ ही बता दे की मान्यता अनुसार कहा जाता है। भक्तों के घर में हमेशा अन्न भंडार को भर जाता है। कहना यह भी है कि श्री यंत्र स्वरूप मंदिर में विराजमान अन्नपूर्णा के दरबार से वितरित होने वाले महत्व है और इसी महत्व के कारण 24 घंटे पहले ही श्रद्धालु कतार में माता की प्रसाद को लेने के लिए लग जाते हैं, क्योंकि वर्ष में केवल चार दिन ऐसे होते हैं जब माता के स्वर्ण स्वरूप के दर्शन किए जाते हैं।
आखिर में ये भी कहा है कि यदि मां अन्नपूर्णा की पूजा विधि विधान द्वारा की जाए तो कभी भी जीवन में अन्न की कमी नहीं होती। हमेशा अपनी कृपा अपने भक्तों पर बनाए रखती है। Maa Annapurna Mandir Kashi