India News(इंडिया न्यूज), Mahabharat: हिंदू ग्रंथो के अनुसार हमें बताया गया है कि महाभारत के युद्ध में कौरवों की हार हुई थी और पांडवों की जीत यह पूरी तरीके से एक अभिशाप और प्रतिशोध की कहानी है। जिसमें मान सम्मान को सर्वोपरि रखा गया था। श्राप और प्रतिशोध से भरी इस कहानी में सभी ने अपने जीवन में कुछ ना कुछ नया सीखा था। ऐसे में महाभारत का पूरा युद्ध सबसे चर्चित प्रतिशोध जो की द्रौपदी का था। उससे ही प्रसिद्ध हुआ जिसने चीर हरण के वजह से कौरवों के कुल का नाश करने का श्राप उन्होंने दिया था। लेकिन द्रोपदी के अलावा भी ऐसी महिला थी। जिसे अपने प्रतिशोध को महाभारत के युद्ध में पूरा किया था।
- इस तरह हुआ था महिलाओं का प्रतिशोध पूरा
- दौपद्री के अलावा इनका भी था बदला
Nag Panchami पर करें यह उपाय, जड़ से खत्म हो जाएंगे सभी दोष
इन महिलाओं ने भी किया था प्रतिशोध पुरा Mahabharat
- महाभारत की कथा के अनुसार बताएं तो युद्ध में अंबा का प्रतिशोध भी काफी महत्वपूर्ण था। उन्होंने भीष्म पितामह को जान से मारने के लिए प्रतिशोध लिया था। अंबा ही थी। जिन्होंने शिखंडी का रूप धारण किया और पुनर्जन्म के अपने दुख का बदला लिया।
- इसी के साथ एक कथा में कहा जाता है कि भानुमती का जबरन हरण करने का दुर्योधन को भी श्राप मिला और उन्हें अपयश का श्राप दिया गया था। Mahabharat
- इसके साथ ही बता दे की भानुमति के ही तरह पिता के राज्य के बर्बादी का गांधारी के अंदर भी भीष्म पितामह के लिए आक्रोश था ऐसे में इन सभी महिलाओं का प्रतिशोध किसी न किसी रूप में महाभारत के युद्ध में पूरा हुआ था।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।