India News(इंडिया न्यूज), Mahabharata Draupadi: महाभारत की प्रमुख नायिका द्रौपदी का जीवन चरित्र अत्यंत रोचक और अनोखा है। अग्नि से उत्पन्न द्रौपदी ने पाँच पतियों से विवाह किया और उनके बच्चों की मां बनीं। भविष्य पुराण और महाभारत की कथाओं के अनुसार, द्रौपदी के पाँच पति एक वरदान का परिणाम थे। अगर यह वरदान पूरी तरह से फलीभूत होता, तो द्रौपदी के 14 पति होते।
भविष्य पुराण की कथा के अनुसार, द्रौपदी पूर्वजन्म में एक धर्मपरायण विधवा स्त्री थी। अखंड सौभाग्य और समृद्धि के लिए उन्होंने भगवान शिव की तपस्या की। भगवान शिव प्रसन्न होकर उन्हें वरदान मांगने के लिए बोले। द्रौपदी ने 14 गुण गिनाकर भगवान शिव से ऐसे पति की इच्छा प्रकट की। भगवान शिव ने कहा कि एक पुरुष में इतने गुण नहीं मिल सकते, इसलिए कुछ कम करके वरदान मांग लो। तब द्रौपदी ने 5 गुणों से संपन्न पति की इच्छा की। ये पाँच गुण थे – धार्मिक, शक्तिशाली, महान धनुर्धर, धैर्यवान और रूपवान।
भगवान शिव का वरदान
भगवान शिव ने द्रौपदी को पाँच गुणों वाले पति का वरदान दिया। द्रौपदी के विवाह के अवसर पर श्रीकृष्ण ने उन्हें उनके पूर्वजन्म की याद दिलाई। इसी वरदान के फलस्वरूप द्रौपदी को पाँच गुणों वाले पाँच पति प्राप्त हुए।
इन पाँच गुणों वाले पतियों के साथ-साथ भगवान शिव ने द्रौपदी को एक और वरदान दिया था कि वह विवाहित होने के बावजूद भी सदैव कुंवारी ही रहेंगी। शिव ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि वह हर दिन स्नान के पश्चात पवित्र हो जाएंगी।
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महाभारत की कथा
इस प्रकार, द्रौपदी का जीवन अद्वितीय और पवित्र बना रहा, जो महाभारत की कथा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस प्रकार, द्रौपदी को पाँच पतियों का वरदान मिला, जो उनके जीवन को अद्वितीय और ऐतिहासिक बना देता है।
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