India News (इंडिया न्यूज),Mahabharat story: महाभारत में द्रौपदी एक बहुत ही महत्वपूर्ण पात्र है। चाहे वह द्रौपदी का स्वयंवर हो, द्रौपदी का 5 पतियों से विवाह करना हो या फिर कौरवों द्वारा सबके सामने द्रौपदी का चीरहरण करना हो। अहंकारी दुर्योधन के छल-कपट और उसके द्वारा द्रौपदी के अपमान ने महाभारत युद्ध की नींव रखी। अगर कौरवों ने जुए में पांडवों के साथ छल न किया होता तो न तो पांडव अपनी पत्नी द्रौपदी को जुए में हारते और न ही उनका चीरहरण होता। इस घटना ने द्रौपदी को अपने पतियों से भी बहुत नाराज कर दिया था। जानिए पांडवों से पहले द्रौपदी किस योद्धा की ओर आकर्षित हुई थीं। लेकिन एक कारण से वह उस वीर योद्धा से विवाह नहीं कर पाईं।

अर्जुन से भी ज्यादा शक्तिशाली था कर्ण

कम ही लोग जानते हैं कि जब द्रौपदी का स्वयंवर शुरू हुआ तो वह योद्धा भी वहां मौजूद था। यह योद्धा अर्जुन नहीं, बल्कि सूर्यपुत्र कर्ण था। द्रौपदी उसके तेज, कौशल, कवच और कुंडलों से युक्त दिव्य रूप को देखकर आश्चर्यचकित हो गई थी। महाभारत के अनुसार कर्ण इतना शक्तिशाली योद्धा था कि पांचों पांडव उसके सामने टिक नहीं पाते थे।

द्रौपदी ने खुद किया था मना

द्रौपदी कर्ण के रूप और पराक्रम को देखकर आश्चर्यचकित थी, लेकिन जैसे ही उसे पता चला कि कर्ण एक सारथी का पुत्र है, उसने कर्ण को स्वयंवर से बाहर करने के लिए कहा। जबकि उस सभा में कर्ण से ज्यादा शक्तिशाली कोई नहीं था। उसके पास पांचों पांडवों से भी ज्यादा शक्तियां थीं।

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फिर अर्जुन ने जीता स्वयंवर

शूद्र का पुत्र होने के कारण कर्ण को स्वयंवर में भाग लेने की अनुमति नहीं थी। बल्कि उसे स्वयंवर शुरू होने से पहले ही इसे छोड़ना पड़ा। इसके बाद द्रौपदी के पिता द्वारा आयोजित स्वयंवर में कई राजाओं ने भाग लिया लेकिन वे मछली की आंख में बाण मारने में असफल रहे। फिर अर्जुन ने मछली की आंख में बाण मारकर स्वयंवर जीता और द्रौपदी से विवाह किया।

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