India News (इंडिया न्यूज), Mahabharat Jarasandha: महाभारत की महाकाव्य गाथा, जिसमें पांडवों और कौरवों के बीच हुए युद्ध को लेकर कहानियाँ हैं, उसके अलावा भी अनेक रहस्यमय और अद्भुत पात्रों की कहानियाँ छिपी हुई हैं। ऐसी ही एक कहानी है मगध के राजा बृहद्रनाथ और उनके असाधारण पुत्र जरासंध की, जिसने अपनी अनोखी उत्पत्ति और साहसिकता के लिए ऐतिहासिक प्रसिद्धि प्राप्त की।
मगध के राजा बृहद्रनाथ एक न्यायप्रिय और महान राजा थे, जिनकी दो रानियाँ थीं। वे दोनों रानियों से अत्यधिक प्रेम करते थे, लेकिन दोनों रानियों से संतान का जन्म नहीं हो पा रहा था। राजा की चिंता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही थी। संतान प्राप्ति की आशा में उन्होंने अंततः ऋषि चंद्रकौशिक के आश्रम की ओर रुख किया, जो अपनी तपस्या और ज्ञान के लिए प्रसिद्ध थे।
क्या आप जानते हैं? दशरथ के नाती ने भी लड़ा था महाभारत, अर्जुन के बेटे को कर परास्त किया था वध!
ऋषि चंद्रकौशिक ने राजा की सेवा से प्रसन्न होकर उन्हें एक विशेष सेब प्रदान किया और कहा कि इसे अपनी जिस रानी को अधिक प्रेम करते हैं, उसे यह सेब खिलाएं। राजा बृहद्रनाथ, जो अपनी दोनों रानियों के प्रति समान प्रेम महसूस करते थे, ने सेब को दो टुकड़ों में काटकर दोनों रानियों को दे दिया।
सेब के सेवन के बाद, दोनों रानियाँ गर्भवती हो गईं। लेकिन एक अजीब घटना घटी—उनके गर्भ से जन्मे बच्चे आधे-आधे थे। यह दृश्य देखकर दोनों रानियाँ भयभीत हो गईं और बच्चें को जंगल में फेंक दिया। जंगल में एक जादूगरनी, जिसका नाम जरासंध था, ने उस बच्चे पर अपनी नजर डाली।
जरासंध ने अपने जादू से बच्चे के टुकड़ों को जोड़ दिया और उसे जीवनदान दिया। जब राजा बृहद्रनाथ को इस घटना की जानकारी मिली, तो उन्होंने अपने पुत्र का नाम जादूगरनी के नाम पर ‘जरासंध’ रखा। यह नाम यथार्थ में उसके अद्भुत जन्म को दर्शाता था।
Mahabharat: आखिर क्यों मूकदर्शन बन अर्जुन के रथ पर सवार हो बैठे थे हनुमान जी?
जरासंध बड़े होकर एक शक्तिशाली और साहसी योद्धा बन गए। उन्होंने अपने बल और कूटनीति के बल पर मगध साम्राज्य को मजबूत किया और एक प्रभावशाली शासक बने। महाभारत के युद्ध में, जरासंध और भीम के बीच भयंकर युद्ध हुआ। यह युद्ध 28 दिनों तक चला, जिसमें भीम ने अपने वीरता और शक्ति का अद्वितीय प्रदर्शन किया।
भीम और जरासंध के युद्ध की कथा महाभारत में प्रसिद्ध है। अंततः, भीम ने जरासंध को हराया और उसके शरीर को दो टुकड़ों में काटकर अलग-अलग दिशाओं में फेंक दिया, ताकि वह पुनः जीवित न हो सके। यह विजय भीम के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था और यह युद्ध महाभारत की अन्य घटनाओं के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।
Mahabharat: इस जगह पर लिखी गई थी महाभारत, कलयुग में यहां पहुंच स्थान
इस प्रकार, जरासंध की कहानी महाभारत की गाथा में एक अद्वितीय अध्याय जोड़ती है। उसकी जन्मकथा और वीरता न केवल उसकी महत्वता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे एक व्यक्ति की अद्भुत उत्पत्ति और पराक्रम उसे इतिहास में अमर बना देते हैं।
Mahabharat: ये था महाभारत का वो सबसे दर्दनाक क्षण, जिसे देख खुद भगवान की भी भर आई थी आंख?
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
India News (इंडिया न्यूज)Makeup Side Effects: ज़्यादातर लोगों का मानना है कि जब महिलाएं मेकअप…
‘कोई मुझे गोली मार देगा…’, क्यों घबराईं Raveena Tandon, आखिर किस वजह से सताया मौत…
CM Mamata Banerjee: राज्य के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में सीएम ममता बनर्जी ने…
Norway Princess Son Arrest: नॉर्वे की क्राउन प्रिंसेस मेटे-मैरिट के सबसे बड़े बेटे बोर्ग होइबी…
India News Bihar (इंडिया न्यूज)Khelo India Games: बिहार ने पिछले कुछ सालों में खेलों की…
Baba Vanga Predictions 2025: बाबा वंगा ने 2025 में कुल 5 राशियों के लिए भारी…