डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
India News (इंडिया न्यूज़), Secrets Of Naga Sadhu: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आगामी महाकुंभ की तैयारी जोरों पर है। हिंदू धर्म में महाकुंभ का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। मान्यता है कि इस पवित्र अवसर पर संगम में स्नान करने से मनुष्य के सारे पाप समाप्त हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस वर्ष के महाकुंभ में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
महाकुंभ के आकर्षण का एक विशेष पहलू साधु-संतों की उपस्थिति है। इनमें से एक अनोखा और रहस्यमय तबका है — अघोरी साधुओं का। अघोरी साधुओं की वेशभूषा, जीवनशैली और साधना पद्धति सामान्य से बिल्कुल भिन्न होती है। इस लेख में हम अघोरी साधुओं की जीवनशैली और उनकी रहस्यमयी साधना के पहलुओं पर प्रकाश डालेंगे।
अघोरी साधु भगवान शिव के उपासक होते हैं। अघोर भगवान शिव के पांच रूपों में से एक है, और इन साधुओं का जीवन पूरी तरह से शिव की भक्ति और तंत्र साधना पर आधारित होता है। यह साधु पारंपरिक हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों से अलग होते हैं और समाज द्वारा निर्धारित मानकों को चुनौती देते हैं।
अघोरी साधु अपनी तंत्र साधना के लिए श्मशान घाट को चुनते हैं। उनका मानना है कि श्मशान में साधना करने से मृत्यु के भय पर विजय प्राप्त की जा सकती है। यह साधु शवों पर बैठकर साधना करते हैं और इसे शिव और शक्ति की उपासना का माध्यम मानते हैं।
कुछ अघोरी साधु अपनी साधना में शवों के साथ शारीरिक संबंध भी बनाते हैं। उनके अनुसार, यह साधना का एक अनिवार्य हिस्सा है। अघोरी मानते हैं कि यदि इस प्रक्रिया के दौरान भी मन शिव की भक्ति में लीन रहता है, तो इससे साधना की शक्ति बढ़ती है। यह प्रक्रिया उनकी ऊर्जा को जागृत करती है और तंत्र विद्या में महारत हासिल करने में सहायक होती है।
अघोरी साधुओं का विश्वास है कि शवों के साथ शारीरिक संबंध बनाने और अन्य अपरंपरागत विधियों से उनकी तंत्र साधना की शक्ति बढ़ती है। उनके अनुसार, इस प्रक्रिया से उन्हें आत्मा, शक्ति और ब्रह्मांडीय ऊर्जा के गहन स्तरों को समझने में मदद मिलती है। हालांकि, यह साधना और व्यवहार सामान्य समाज के लिए अजीब और विवादास्पद हो सकता है।
अघोरी साधु न केवल शव साधना करते हैं, बल्कि वे समाज द्वारा वर्जित मानी जाने वाली अन्य गतिविधियों में भी संलग्न रहते हैं। इनमें शराब का सेवन करना, मांस भक्षण करना और मानव खोपड़ी का उपयोग करना शामिल है। यह सभी उनकी साधना का हिस्सा होते हैं और उन्हें तंत्र विद्या में महारत हासिल करने के लिए आवश्यक माना जाता है।
जहां एक ओर सामान्य साधु ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं, वहीं अघोरी साधु इसके विपरीत चलते हैं। वे अपने लिए किसी भी प्रकार की वर्जनाओं को स्वीकार नहीं करते। उनके अनुसार, यह सब साधना के मार्ग में आने वाली बाधाओं को समाप्त करने का एक तरीका है।
अघोरी साधुओं की जीवनशैली और साधना का तरीका समाज की पारंपरिक सोच से पूरी तरह भिन्न है। यह रहस्यमयी साधु अपने अभ्यासों और तंत्र साधना के माध्यम से शिव की भक्ति करते हैं। हालांकि, उनके तरीके और आचरण सामान्य समाज के लिए विवादास्पद और चौंकाने वाले हो सकते हैं, लेकिन उनकी साधना का उद्देश्य आत्मा और ब्रह्मांड की गूढ़ शक्तियों को समझना और उनसे जुड़ना होता है।
महाकुंभ में अघोरी साधुओं की उपस्थिति हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रही है। इन साधुओं का जीवन और साधना हिंदू धर्म के उस पहलू को प्रकट करता है, जो रहस्यमय और गूढ़ है।
India News (इंडिया न्यूज), Cyber Shield Campaign: जयपुर पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ चलाए…
भारत की राजधानी दिल्ली में Kho Kho World Cup 2025 की तैयारियां जोर-शोर से चल…
India News (इंडिया न्यूज),Mahakumbh 2025: त्रिवेणी के तट पर आयोजित होने जा रहा महाकुंभ कीर्तिमानों…
India News (इंडिया न्यूज) up news : संगम की पावन रेती पर धर्म , अध्यात्म…
यूएई में जबरदस्त सफलता के बाद वर्ल्ड पैडल लीग (WPL) अब भारत में अपना रोमांचक…
Los Angeles Wildfire: भयानक आग के बाद भी अमेरिकी शहर में शुक्रवार (10 जनवरी 2025)…