Mahashivratri 2023: भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा आराधना करने का सबसे बड़ा दिन आखिरकार आज आ ही गया है। देशभर में आज साल की सबसे बड़ी शिवरात्रि यानि महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। शिव भक्त इस दिन का बेसब्री इंतजार कर भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

30 साल बाद बना अद्भुत संयोग

बता दें इस बार की महाशिवरात्रि काफी विशेष है। हिंदू पंचांग के अनुसार आज यानि महाशिवरात्रि पर 30 साल बाद एक अद्भुत संयोग बना है। आज सूर्य और शनि ग्रह कुंभ राशि में मौजूद रहेंगे। जिससे कुंभ राशि में त्रिग्रही योग का निर्माण होगा।

महाशिवरात्रि की पूजा सामग्री

मान्यतानुसार इस दिन भक्तों को षोडशोपचार पूजन के साथ भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही गंगाजल और मंत्रों के साथ भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। भक्तों को इस दिन बेलपत्र, भांग, धतूरा, फल, मिष्ठान, वस्त्र आदि अर्पित करने चाहिए।

महाशिवरात्रि पर चार प्रहर के पूजा मुहूर्त

इस साल महाशिवरात्रि के लिए चार पहर के पूजा मुहूर्त बताए गए हैं। जो रात्रि प्रथम प्रहर में आज शाम 6:21 मिनट से रात 9:31 तक है। वहीं रात्रि द्वितीय प्रहर में रात 9: 31 मिनट से 12:41 मिनट तक है। रात्रि तृतीय प्रहर में 18-19 फरवरी की रात 12:42 मिनट से 3: 51 मिनट तक हैं और रात्रि चतुर्थ प्रहर में मध्यरात्रि बाद 3:52 मिनट से सुबह 7:01 मिनट तक है।

ऐसे करें भगवान शिव की पूजा

भक्तजन इस दिन सुबह सबसे पहले उठकर स्नानादि कर शिवमंदिर जाएं। इसके बाद शिव की पूजा में चन्दन, मोली, पान, सुपारी, अक्षत, पंचामृत, बिल्वपत्र, धतूरा, फल-फूल, नारियल इत्यादि शिव जी को अर्पित करें। भक्तजन पूजा की विधि में आगे भगवान शिव को अत्यंत प्रिय बेल को धोकर चिकने भाग की ओर से चंदन लगाकर चढ़ाएं और ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का उच्चारण करें जो 108 बार किया जाएगा।

ये भी पढ़ें: कर्मचारियों को फिर सताया छंटनी का डर, अब फोर्ड में 3800 लोगों को निकालने की तैयारी