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Mahashivratri 2024: शिवजी द्वारा धारण करें वस्तुएं से मिलता है खास संदेश, आज के योग में देगा ज्ञान

Simran Singh • LAST UPDATED : March 7, 2024, 2:23 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़), Mahashivratri 2024, दिल्ली: सभी देवताओं में भगवान शिव का रूप सबसे निराला है। उनकी वेशभूषा काफी रहस्यमय है और काफी आकर्षक भी। अपने शरीर पर भस्म माथे पर चंद्रमा और जटा में गंगा और गले में नाग धारण करते हैं। इन सभी चीजों को धारण करके अलग-अलग किस्म की चीजों से अपने आप को प्रभावित और ताकतवर बनाते हैं। ऐसे में आज जानते हैं कि यह सारी वस्तुएं उनके बारे में और आम जीवन क्या खास संदेश देती है।

शिवजी का नंदी

शिवजी की नंदी जो बाहर बैठे एकटक उनको निहारत रहती हैं। हमारे आम जीवन में सब्र रखने का संदेश देते हैं। हम नंदी जी के कान में अपनी प्रार्थना इच्छा बोलते हैं। साथ ही उसे चीज का सब्र करते हैं कि वह कार्य पूर्ण होगा। ऐसे में सब्र रखना भी नंदी जी से ही सीखा जाता है। Mahashivratri 2024

Nandishvar’s

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शिव जी का भस्म Mahashivratri 2024

आज के योग में भस्म हमें हमारे अंत को याद दिलाता है। जो कलयुग में इंसान भूल गया है। जब-जब भगवान शिव शरीर पर भस्म लगाते हैं तो यह हमें संदेश मिलता है कि एक दिन हम भी इस भस्म में बदलने वाले हैं। तो अपने कर्मों पर ध्यान देना चाहिए।

भस्म

शिवजी का डमरू

भगवान शिव का डमरू हम बचपन से देखते आ रहे हैं। हमने ज्यादातर यह डमरू मदारी के हाथ में देखा है। मदारी अपनी डमरू से बंदर बंदरिया को नाचता है। वही शिव भगवान के डमरू के आगे पूरी दुनिया नाचती है। डमरू दोनों तरफ से बचता है। जो जीवन के अंदर सुख और दुख की दृष्टि को दिखाता है। वहीं इससे यह संदेश भी मिलता है कि सर्वश्रेष्ठ शिव हमें सुख और दुख को अपने जीवन में अनुभूति का ज्ञान दे रहे हैं।

डमरू

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शिव जी का सर्प

धरती पर सबसे ज्यादा सजग अवेयर प्राणी सर्प है। सजकता का स्थान शरीर के दोनों भाव के बीच के स्थान को दिखाता है। जहां सजकता रखते हैं कुछ याद करना इसमें शामिल है। शिव जी का सर्प सदा सजक रहता है। जो इस चीज का संदेश देता है। Mahashivratri 2024

भगवान शिव के गले में सांप लिपटा

नीलकंठ

भगवान शिव ब्रह्मांड को बचाने के लिए विष का पैन कर चुके हैं। इसके साथ ही गणेश जी का चूहा, शिव जी का नंदी और कार्तिकेय का मोर जो आपस में एक पल भी साथ नहीं रह सकते। वह सभी एक परिवार का हिस्सा बनकर रहते हैं। जिससे ये ज्ञान मिलता है कि जितनी भी विषमता हो आपको अपने परिवार को नहीं छोड़ना चाहिए। इस तरह का संदेश भगवान शिव से हमें प्राप्त होता है। वही महाशिवरात्रि के मौके पर संयुक्त परिवार दर्शन को काफी शुभ माना जाता है।

NeelKanth

मस्तक पर चंद्रमा Mahashivratri 2024

भगवान शिव के मस्तक पर चमकता हुआ चंद्रमा कलयुग में शांत रहने के स्वभाव को दिखाती है। आज के समय में हर चीज से परेशान रहना इंसान का स्वभाव बन गया है। ऐसे में भगवान शिव के मस्तक पर चमकता हुआ चंद्रमा हमें हमेशा शीतल रहने की अनुभूति कराता है।

चंद्रमा

गले में नर मुंड माला

भगवान शिव के गले में नर मुंड माला यह संदेश देती है कि हमारी हर जन्म की कहानी भगवान शिव के पास है। जो वह अंगूठे के जाप से जान सकते हैं, क्योंकि हर इंसान के फिंगरप्रिंट अलग होते हैं।

Bhagwan Shiv Mund Mala

त्रिशूल संदेश

आखिर में भगवान शिव का त्रिशूल आयुर्वेद में शरीर के तीन दर्शओं के बारे में बताता है। जिसमें कहा जाता है कि शरीर के तीनों जरूरी चीजों का संतुलित रहना काफी महत्वपूर्ण है। जो शिवजी के त्रिशूल को देखकर जाना जा सकता है। Mahashivratri 2024

त्रिशूल

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