India News (इंडिया न्यूज़), Chanakya Niti: जीवन में सफलता की चाह हर किसी को होती है। अगर आप भी समाज में मान-सम्मान और परिवार में इज्जत पाना चाहते हैं, तो आचार्य चाणक्य की नीतियों को ध्यान में रखें। चाणक्य का मानना है कि मौन रहना एक कला है, और यह कई परिस्थितियों में लाभकारी हो सकता है। यहां हम उन 10 जगहों का वर्णन कर रहे हैं जहां आपको चुप रहना चाहिए:

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  1. झगड़ों में हस्तक्षेप: यदि किसी विवाद में आपकी कोई भागीदारी नहीं है, तो वहां न बोलें। इससे भविष्य में परेशानी हो सकती है।
  2. तारीफों के समय: जब लोग अपनी तारीफ कर रहे हों, तब चुप रहना ही बेहतर है। आपकी टिप्पणी अपमानजनक साबित हो सकती है।
  3. निंदा के समय: यदि कोई तीसरे व्यक्ति की निंदा कर रहा है, तो उस समय बोलने से बचें। जो आज किसी की बुराई कर रहा है, वह कल आपकी भी कर सकता है।
  4. अधूरी जानकारी: किसी विषय पर पूरी जानकारी न होने पर चुप रहना ही उचित है। अनजाने में किसी को नुकसान पहुंचाने से बचें।
  5. भावनाओं का अनादर: जब सामने वाला आपकी भावनाओं को नहीं समझ रहा हो, तब मौन रहना ही सही होता है। ऐसे लोग आपकी भावनाओं की कद्र नहीं करते।
  6. समस्या के समाधान के लिए सुनें: जब कोई अपनी परेशानी बता रहा हो, तब धैर्यपूर्वक सुनें। समाधान का पता न होने तक चुप रहना चाहिए।
  7. नाराजगी का सामना: यदि कोई आपसे नाराज है, तो उसकी नाराजगी का सामना मौन रहकर करें। इससे उनकी नाराजगी कम हो सकती है।
  8. अन्य समस्याओं पर बोलने से बचें: यदि किसी समस्या का आपसे कोई संबंध नहीं है, तो उस पर बोलने से बचें। बेवजह बोलने से अपमानित हो सकते हैं।
  9. चिल्लाने वाले लोगों से बचें: यदि कोई अपनी बात चिल्लाकर कह रहा है, तो मौन रहना बेहतर है। इससे गलत प्रभाव पड़ सकता है।
  10. बेवजह टिप्पणियां: किसी व्यक्ति के बारे में अनावश्यक टिप्पणी करना हानिकारक हो सकता है। इसलिए चुप रहना ही समझदारी है।

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निष्कर्ष

यदि आप इन 10 बातों को अपने जीवन में अपनाते हैं, तो निश्चित रूप से आपको कई परेशानियों से राहत मिलेगी। मौन रहने की कला आपकी सफलता का कुंजी साबित होगी। ध्यान केंद्रित करने के लिए चुप रहना आवश्यक है, जिससे आप तेजी से तरक्की की ओर बढ़ सकें।

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Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।