India News (इंडिया न्यूज़), Mrityu Panchak: हिंदू ज्योतिष में पंचक वह विशेष समय होता है जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशियों में रहता है। यह अवधि अशुभ मानी जाती है और इस दौरान विशेष कार्य करने से बचने की सलाह दी जाती है। पंचक का प्रत्येक प्रकार अपने नाम के अनुसार प्रभाव डालता है, जैसे रोग पंचक, मृत्यु पंचक, या राज पंचक।
मृत्यु पंचक का समय
2024 में, मृत्यु पंचक 7 दिसंबर से 11 दिसंबर तक रहेगा। इस समय चंद्रमा की स्थिति और नक्षत्र विशेष रूप से अशुभ प्रभाव डालते हैं। यह पंचक विशेष रूप से उन कार्यों को टालने के लिए जाना जाता है जो किसी भी प्रकार की हानि या मृत्यु का कारण बन सकते हैं।
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मृत्यु पंचक में वर्जित कार्य
- लकड़ी या ईंधन का भंडारण
मृत्यु पंचक के दौरान लकड़ी इकट्ठा करना या किसी प्रकार का ईंधन भंडारण करना अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से परिवार में अनहोनी या आपदा की संभावना बढ़ जाती है। - नया मकान या भवन निर्माण शुरू करना
इस समय मकान, भवन या अन्य किसी निर्माण कार्य की शुरुआत करने से बचना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार, यह कार्य दीर्घकालिक समस्याओं, जैसे आर्थिक हानि या स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। - यात्रा शुरू करना
विशेष रूप से दक्षिण दिशा की यात्रा करना मृत्यु पंचक के दौरान अशुभ माना गया है। ऐसा करने से दुर्घटना या अन्य अप्रत्याशित घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। - दाह संस्कार करना
मृत्यु पंचक में किसी व्यक्ति का दाह संस्कार करना आवश्यक हो तो विशेष उपाय किए जाते हैं। मान्यता है कि इस समय अंतिम संस्कार करने से परिवार में लगातार मृत्यु या संकट आने की संभावना होती है। इसके लिए पंचक दोष निवारण के लिए पांच पुतलों का दाह संस्कार भी किया जाता है। - वाहन या संपत्ति खरीदना
पंचक के दौरान नया वाहन या कोई बड़ी संपत्ति खरीदने से बचना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार, यह आर्थिक हानि या दुर्घटनाओं का संकेत दे सकता है।
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उपाय और शांति के तरीके
यदि मृत्यु पंचक के दौरान कोई कार्य करना अत्यावश्यक हो, तो विशेष पूजा-अर्चना और मंत्रों द्वारा शांति उपाय किए जा सकते हैं। इनमें हवन, दान और पंचक दोष निवारण के विशेष अनुष्ठान शामिल हैं। इसके अलावा, भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा करके दोषों का प्रभाव कम किया जा सकता है।
मृत्यु पंचक 7 दिसंबर से 11 दिसंबर तक रहेगा, और इस दौरान ऊपर बताए गए कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है। यदि किसी कार्य को टालना संभव न हो, तो उपायों का पालन कर आप पंचक के प्रभाव को कम कर सकते हैं।
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