India News (इंडिया न्यूज़), Navaratri 2023, दिल्ली: नवरात्री त्योहार की पूजा कन्या पूजा के बिना अधूरी मानी जाती है। इस दिन 2 से 10 वर्ष की छोटी कन्याओं को नौ देवियों के रूप में आदर सत्कार के साथ भोजन कराया जाता है। उनकी पूजा की जाती है। वैसे तो सभी अपनी परंपरा के अनुसार नवरात्रि की अष्टमी और कुछ लोग नवरात्रि की नवमी को कन्या पूजन की विधि संपन्न करते हैं। इस दिन हवन और पूजा करने के बाद कन्या पूजन किया जाता है। जिसके बाद ही व्रत खुलता है। वही इस साल महाष्टमी 22 अक्टूबर तो वही महानवमी 23 अक्टूबर को होने वाली है।
वही अष्टमी तिथि पर मां दुर्गा की आठवीं शक्ति महागौरी की पूजा की जाती है और नवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इन तिथियां पर काफी शुभ योग भी देखने को मिलता है। जिससे इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
नवरात्रि पर क्या है कन्या पूजन का शुभ योग
22 अक्टूबर को सवार्थ सिद्ध यानी सभी कार्यो के लिए स्वंय सिद्ध मुहूर्त है। साथ इस दिन पराक्रम योग, बुधादित्य योग धृति योग भी है। वहीं 23 अक्टूबर को बुधादित्य योग, पराक्रम योग, शूलयोग के साथ दूसरा सर्वार्थ सिद्ध योग का संयोग बन रहा है।
क्या होता है कन्या पूजा का महत्व और लाभ
नवरात्रि पर कन्या पूजन में नौ कन्याओं को मां के नौ रूप शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और माता सिद्धिदात्री के रूप में पूजा जाता है। जिससे कि घर की दुख और दरिद्रता दूर होती है। मां शत्रुओं का नाश करती है और भक्तों की आयु बढ़ाकर उनके घर में धन और बाल की वृद्धि करती है।
ये भी पढ़े: