India News (इंडिया न्यूज), Turmeric Use In Navratari: मां कूष्मांडा की कृपा प्राप्त करने के लिए कई धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा विधियों का पालन किया जाता है। यदि किसी महिला को मां कूष्मांडा की विशेष कृपा प्राप्त करनी हो, तो उसे अपने चेहरे पर हल्दी का लेप लगाने की सलाह दी जाती है। हल्दी को भारतीय संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं में शुभ और पवित्र माना गया है। यह न केवल सौंदर्य के लिए बल्कि आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी महत्वपूर्ण है।
हल्दी का प्रयोग विशेष रूप से नवरात्रि के दिनों में मां कूष्मांडा को समर्पित चौथे दिन के अनुष्ठानों में किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि हल्दी का लेप करने से मां की कृपा बनी रहती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके साथ ही, यह उपाय महिलाओं के सौंदर्य और मानसिक शांति को भी बढ़ाता है।
मां कूष्मांडा की पूजा में हल्दी का विशेष स्थान है, क्योंकि हल्दी सूर्य देवता की शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है। मां कूष्मांडा को ब्रह्मांड की सृष्टि करने वाली देवी माना जाता है, और हल्दी का प्रयोग उनकी पूजा में शुभ फलदायक होता है।
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हल्दी के इस धार्मिक और पौराणिक महत्व के कारण, यदि कोई महिला इसे अपने चेहरे पर लगाती है, तो मान्यता है कि मां कूष्मांडा की विशेष कृपा उस पर सदैव बनी रहती है और देवी का हाथ उसके जीवन से कभी नहीं छूटता।
मां कूष्मांडा की कृपा प्राप्त करने के लिए हल्दी का सही तरीके से प्रयोग करना महत्वपूर्ण है। आप नीचे दिए गए विधि से हल्दी का प्रयोग कर सकती हैं:
हल्दी लगाने के बाद आप मां कूष्मांडा की पूजा भी कर सकती हैं। मां को श्वेत पुष्प, नारियल, और गुड़ का भोग अर्पित करें और दीप जलाकर उनका ध्यान करें।
इस विधि का नियमित पालन करने से मां कूष्मांडा की कृपा सदैव आप पर बनी रहेगी और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होगा।
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