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मामूली इंसान मौत के बाद कैसे बन जाता है पिशाच, धरती पर कब तक भोगना पड़ता है दर्द? प्रेतात्मा से जुड़े रहस्य जानकर फटी रह जाएंगी आंखें!

India News (इंडिया न्यूज), Person Become Vampire After Death:  हम अक्सर ऐसा सोचते हैं कि क्या पिशाच वास्तव में मौजूद हैं? भारतीय पौराणिक कथाओं और लोककथाओं में पिशाचों को जीवित प्राणियों का खून पीने वाली आत्माओं के रूप में दिखाया गया है। लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, पिशाचों के अस्तित्व का कोई प्रमाण नहीं है। यह केवल सांस्कृतिक मान्यताओं और अंधविश्वासों का परिणाम हो सकता है।

कैसे बनते हैं पिशाच ?

यह सवाल भी काफी दिलचस्प है। मान्यताओं के अनुसार, पिशाच वे आत्माएं होती हैं जो अपने जीवन में किए गए पापों या गलत कामों के कारण मृत्यु के बाद इस रूप में प्रकट होती हैं। भारतीय पौराणिक कथाओं में माना जाता है कि असमय मृत्यु का सामना करने वाले लोग पिशाच बन सकते हैं।

कैसे करें पिशाचों की पहचान?

पिशाचों की पहचान करने के लिए कुछ तांत्रिक यंत्रों और मंत्रों का इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण के लिए, पिशाचों से बचने और उन्हें पहचानने के लिए अभिमंत्रित यंत्र, खसखस ​​और मंत्र जाप का इस्तेमाल किया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पिशाचों से बचने के लिए कई साधनाएँ और तंत्र विधियाँ अपनाई जाती हैं। इनमें मंत्र जाप, अभिमंत्रित यंत्रों का प्रयोग और गुरु का आशीर्वाद प्रमुख हैं। इन साधनाओं के माध्यम से व्यक्ति पिशाचों से सुरक्षित रह सकता है।

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क्या पिशाचों की पूजा संभव है?

इस प्रश्न का उत्तर हाँ है। कुछ तांत्रिक प्रथाओं में पिशाचों की पूजा शामिल है, जिसमें धूप, अगरबत्ती, प्रसाद और विशेष मंत्रों का उपयोग शामिल है। यह पूजा साधक को शक्ति प्राप्त करने और पिशाचों को नियंत्रित करने में मदद करती है।

पिशाच: पुराणों से लेकर अब तक

क्या पिशाच केवल प्राचीन काल की बात है, या आज भी उन पर विश्वास किया जाता है? प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक विभिन्न संस्कृतियों में पिशाचों पर विश्वास देखा जाता है। प्राचीन काल में पिशाचों को केवल डरावने भूत के रूप में देखा जाता था, लेकिन आधुनिक समय में उन्हें फिल्मों और किताबों में काल्पनिक पात्रों के रूप में दिखाया जाता है।

रोचक तथ्य

क्या आप जानते हैं कि पिशाचों की अपनी भाषा होती है? जी हाँ, इसे “पैशाची” कहते हैं, जिसका उल्लेख महाभारत में भी मिलता है। यह भाषा उन जातियों की है जिन्हें असभ्य माना जाता था।

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Preeti Pandey

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