इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Pitru Paksha 2021: वर्ष 2021 में पितृ पक्ष का प्रारंभ हो गया है। इसे श्राद्ध पक्ष या महालय भी कहा गया है। श्राद्ध पक्ष पूरे 15 दिन की अवधि होती है जिसमें श्राद्ध कर्म करने की परंपरा है। मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान पूर्वज सूक्ष्म रूप में पृथ्वी पर आते हैं। पितरों के लिए किए गए दान, पुण्य, तर्पण, श्राद्ध कर्म इत्यादि से उन्हें प्रसन्नता होती है और उनकी आत्मा को शांति मिलती है। पितृ पक्ष की यह विशेष अवधि भाद्रपद मास की पूर्णिमा से प्रारंभ होती है और अश्विन मास की अमावस्या पर समाप्त होती है। पितृ पक्ष के दौरान, पंचबली का विशेष महत्व है। श्राद्ध पक्ष में पंचबली भोजन बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।

Sarva Pitru Amavasya 2021 Date Shradh Vidhi Muhurta

Significance of Panchbali  in Pitru Paksha 2021

पंचबली में 5 विशेष जीवों को श्राद्ध का भोजन खिलाने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि जब यह जीव श्राद्ध के भोजन को स्वीकार करते हुए खा लेते हैं तब पितरों की आत्मा तृप्त हो जाती है। ऐसा भी कहा जाता है कि पंचबली करने से पितृ दोष से भी मुक्ति प्राप्त होती है तथा पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पंचबली में पांच अलग-अलग पत्तलों में ब्राह्मणों के लिए तैयार किए गए भोजन निकाले जाते हैं। अब इन पांच पत्तलों पर अलग-अलग मंत्रों का जाप करते हुए अक्षत छिड़का जाता है। फिर अंत में इसे जीवों को समर्पित कर दिया जाता है।

Sarva Pitru Amavasya 2021 Mantra

1. ॐ कुलदेवतायै नम: (21 बार)

2. ॐ कुलदैव्यै नम: (21 बार)

3. ॐ नागदेवतायै नम: (21 बार)

4. ॐ पितृ देवतायै नम: (108 बार)

5. ॐ पितृ गणाय विद्महे जगतधारिणे धीमहि तन्नो पित्रो प्रचोदयात्।- (1 लाख बार)

What is Panchbali in Pitru Paksha 2021

पितृ पक्ष में पंचबली बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। ब्राह्मण भोजन के साथ-साथ पंचबली भोजन को भी विशेष माना गया है। पंचबली भोजन में 5 स्थानों पर भोजन रखा जाता है जिसे गाय, चींटी, कौए और कुत्ते को खिलाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, पंचबली भोजन से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है तथा वह प्रसन्न होते हैं।

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